जौनपुर जिले की मल्हनी विधानसभा सीट से बाहुबली धनंजय सिंह सपा प्रत्याशी लकी यादव से चुनाव हार गए। लकी यादव ने धनंजय को 15,967 वोटों से हराया। चर्चित नेता धनंजय सिंह जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर मैदान में थे। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने भी सपा प्रत्याशी लकी यादव के लिए प्रचार किया था। लकी यादव पूर्व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव के पुत्र हैं।
बाहुबली धनंजय सिंह ने दावा किया था कि 2022 विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत हासिल होगी, लेकिन धनंजय सिंह का दावा धरा का धरा ही रह गया। हालांकि धनंजय सिंह बीजेपी प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर धकेलने में जरूर कामयाब रहें, लेकिन उन्हें जीत हासिल नही हुई। धनंजय सिंह सुर्ख़ियों में तब आयें जब उनका क्रिकेट खेलते हुए एक विडियो वायरल हुआ था जिसको लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट भी किया था और योगी सरकार पर निशाना साधा था।
लकी यादव से लगातर दूसरी बार हारें धनंजय सिंह
धनंजय सिंह सपा के लकी यादव से लगातार दूसरी बार हारें हैं। इसके पहले लकी यादव ने धनंजय को 2020 के उपचुनाव में हराया था। हालांकि उपचुनाव में हार-जीत के बीच अंतर महज 4632 वोटों का था। 2020 के उपचुनाव में बीजेपी ने मनोज सिंह को उम्मीदवार बनाया था और मनोज सिंह को करीब 28 हजार वोट मिले थे और वो तीसरे नंबर पर थे।
2017 के विधानसभा चुनाव में धनंजय सिंह सपा नेता पारस नाथ यादव से हार गए थे। धनंजय सिंह निषाद पार्टी के टिकट पर मैदान में थे और परसनाथ यादव ने उन्हें करीब 21 हजार वोटों से हराया था। पारसनाथ यादव ने 2012 के चुनाव में भी धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह को चुनाव हराया था। जागृति सिंह निर्दलीय मैदान में थीं और सपा नेता पारसनाथ यादव ने उन्हें 31 हजार से अधिक वोटों से हराया था।
धनंजय सिंह ने पहली बार 2002 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। धनंजय सिंह रारी सीट से विधायक चुने गए थे। 2007 के विधानसभा चुनाव में धनंजय सिंह ने जदयू के टिकट पर जीत हासिल की थी। 2008 में सीट का परिसीमन हुआ और इस सीट का नाम मल्हनी विधानसभा हो गया। 2009 में बीएसपी के टिकट पर धनंजय सांसद चुने गए। 2012 के विधानसभा चुनाव में धनंजय सिंह ने अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाया और वो चुनाव हार गईं। धनंजय सिंह की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।
