उत्तर प्रदेश में अब कैबिनेट मीटिंग के दौरान मंत्रियों के मोबाइल फोन ले जाने पर कथित तौर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (1 जून) को यह फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि इस सख्ती की वजह जासूसी के खतरे को कम करना है। इसके अलावा बैठक के बीच में फोन आने के चलते कई बार मीटिंग में रूकावट आती है। कई बार मंत्री मीटिंग के बीच में ही मैसेज पढ़ने लगते थे।

अभी तक था ये नियमः प्राप्त जानकारी के मुताबिक अभी तक योगी की कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को फोन लाने की इजाजत तो थी लेकिन उसे स्विच ऑफ या साइलेंट मोड पर रखना होता था। लेकिन अब से फोन को मीटिंग रूम के बाहर ही जमा कराना होगा। अभी भी कुछ मंत्री अपने फोन निजी सचिवों के पास ही छोड़कर जाते थे।

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नए नियम के लिए व्यवस्था भी हुईः नया नियम लागू करने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए टोकन की व्यवस्था की गई है। यह अहम फैसला लेने की वजह अहम बैठकों में सदस्यों को गंभीरता से शिरकत करने के लिए प्रेरित करना भी है। योगी आदित्यनाथ को सरकार के कामकाज और अनुशासन के प्रति बेहद गंभीर नेता माना जाता है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद योगी का यह पहला फैसला है। माना जा रहा है कि वे मंत्रियों पर सख्ती बरतकर आगे उनके विभागों में और तेजी से काम करवाना चाहते हैं।