उत्तर प्रदेश में बुधवार को नौ विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में लगभग 50 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान के दौरान समाजवादी पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था। विपक्षी पार्टी ने गुरुवार को मीरापुर, कुंदरकी और सीसामऊ विधानसभा सीटों पर पुनर्मतदान की मांग करते हुए दावा किया कि मतदाताओं, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को बंदूक की नोक पर मतदान करने से रोका गया।

झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के साथ ही उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी 23 नवंबर 2024 को आएंगे। चुनाव प्रचार के दौरान और वोटिंग से पहले आशान्वित लग रही समाजवादी पार्टी को अब डर है कि वह हार सकती है। जिन नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे, उनमें से 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने चार, भाजपा ने तीन और उसके सहयोगी आरएलडी और निषाद पार्टी ने एक-एक सीट जीती थी।

बुधवार को मतदान दौरान फर्जी मतदान और सरकारी मशीनरी के कथित दुरुपयोग के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच काफी नाटकीय माहौल देखने को मिला, खासकर तीन अल्पसंख्यक बहुल सीटों मीरापुर (मुजफ्फरनगर), सीसामऊ (कानपुर) और कुंदरकी (मुरादाबाद) में।

सपा ने आरोप लगाया कि बुर्का पहनी मुस्लिम महिलाओं को परेशान किया गया

सपा ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उसके पार्टी समर्थकों और कार्यकर्ताओं, विशेषकर बुर्का पहनी मुस्लिम महिलाओं को परेशान किया। वहीं, तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा ने ऐसी महिलाओं की जांच की मांग की और दावा किया कि मदरसों और मस्जिदों में रहने वाले बाहरी लोग बुर्के की आड़ में फर्जी मतदान में संलिप्त हैं।

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वोटिंग हो जाने और एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आने के बाद एक सपा नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “हम अभी नतीजों का अनुमान नहीं लगा सकते। यहां तक ​​कि लोकसभा चुनाव के नतीजे भी चौंकाने वाले थे। इसके अलावा, सरकारी मशीनरी का घोर दुरुपयोग हुआ है। अगर जरूरत पड़ी तो हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।”

इन सीटों पर जीत का ही सपा को भरोसा

कुछ सपा नेताओं का कहना है कि पार्टी को कुंदरकी और कटेहरी के अलावा करहल सीट पर जीत का भरोसा है, जिसे पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खाली किया था । हालांकि, वे सीसामऊ (कानपुर) सीट को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, जो कि पार्टी के पास ही थी।

वरिष्ठ सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा, “कल का उपचुनाव समाजवादी पार्टी और जिला प्रशासन और पुलिस के बीच था न कि भाजपा के बीच। कल पुलिस ने जिस तरह की हरकतें कीं, खासकर मीरापुर, कुंदरकी, सीसामऊ और कटेहरी में, वह लोकतंत्र के लिए खतरा है।”

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समाजवादी पार्टी ने उठाई दोबारा चुनाव की मांग

तीनों सीटों पर दोबारा मतदान की मांग करते हुए राम गोपाल ने कहा, “हर जगह फर्जी मतदान हुआ लेकिन मीरापुर, कुंदरकी और सीसामऊ में प्रशासन ने मर्यादा की सारी हदें पार कर दीं क्योंकि बंदूक की नोक पर मुस्लिम मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया। इन चुनावों को रद्द किया जाना चाहिए और अर्धसैनिक बलों की निगरानी में दोबारा चुनाव कराए जाने चाहिए।”

मीरापुर और कुंदरकी के अलावा प्रशासन द्वारा मतदाताओं को परेशान करने की सबसे ज्यादा शिकायतें समाजवादी पार्टी के सीसामऊ से दर्ज की गईं। विपक्षी पार्टी ने अपने समर्थकों, खासकर मुसलमानों को परेशान करने के आरोपों के समर्थन में 80 से ज्यादा शिकायतें, वीडियो और तस्वीरें जारी कीं।

मीरापुर से सामने आए एक वीडियो में, एक स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) पत्थरबाजी की घटना के बाद स्थानीय लोगों पर बंदूक तानते हुए दिखाई दे रहे हैं। विपक्ष ने जहां पुलिस पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं को धमकाने का आरोप लगाया, वहीं भाजपा ने दावा किया कि वीडियो का केवल एक हिस्सा दिखाया गया था और पुलिसकर्मी ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की। चुनाव आयोग ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।