उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में चुनावी में कर्जमाफी के वादे के झांसे में आना अब परेशानी का सबब बन गया है। कर्जमाफी का वादा सुन बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों ने सहकारी बैंक से लिया कर्ज वापिस नहीं किया। किसानों की उम्मीद थी कि वादे के अनुसार उनका कर्ज माफ हो जाएगा।
अब योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामीण बैंक की तरफ से बांटे गए कर्ज की वापसी सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। योगी सरकार ने इसके लिएअधिकारियों की एक टीम भी बना दी है। यह टीम सहकारी बैंक द्वारा किसानों को वितरित किए गए कर्ज की वापसी सुनिश्चित करेगी। इसके लिए कर्ज नहीं चुकाने वाले डिफॉल्टर्स किसानों की संपत्ति जब्त करने के साथ ही उनकी नीलामी भी की जाएगी।
ऐसे में नीलामी की राशि से कर्ज न चुक पाने की स्थिति में किसानों को गिरफ्तारी भी हो सकती है। करीब 100 किसानों को जून माह के अंत तक 7 करोड़ रुपये की राशि वापिस करनी है। अन्य 70 किसानों को जुलाई के अंत तक 4 करोड़ रुपये चुकाने है। टेलीग्राफ की खबर के अनुसार बैंक सूत्रों का कहना है कि बुंदेलखंडके चित्रकूट संभाग में चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और महोबा जिले में 2341 किसानों पर बकाया राशि 60.3 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
जमीन बेचने को मजबूर हुए किसानः अब अधिकतर किसान अपना बकाया चुकाने के लिए अपनी जमीनों को बेच रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि 170 किसानों के पास बहुत कम खेत हैं ऐसे में उनकी ऋण की राशि को पूरी तरह से नहीं चुकाया जा सकेगा। अतिरिक्त कमिश्नर (सहकारी) विनय कुमार मिश्रा ने टेलीग्राफ को बताया कि कर्ज नहीं चुकाने वालों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जल्द ही इन संपत्तियों की नीलामी की जाएगी।
भाजपा ने किया था कर्ज माफी का वादाः इससे पहले किसानों के ऋणों को माफ किया जा चुका है। साल 2017 में भाजपा नेताओं ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। एक किसान सुखपाल सिंह ने कहा, ‘उन्होंने (नेताओं) कहा था कि पूरा ऋण माफ हो जाएगा, इसलिए हमने कर्ज वापिस नहीं किया और बकाया राशि 6 से 8 फीसदी तक बढ़ गई। यदि भाजपा ने कर्ज माफी का वादा नहीं किया होता तो हम कर्ज वापसी शुरू कर चुके होते।’