उत्तर प्रदेश स्थित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लगी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम द्वारा इस मामले को उठाए जाने के बाद अब यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के मंत्री ने जिन्ना को राष्ट्र निर्माण करने वाला देशभक्त बताया है। यूपी बीजेपी मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी ही पार्टी के नेता द्वारा दिए गए बयान के उलट कहा है कि जिन्ना की तस्वीर विश्वविद्यालय में लगाना कोई गलत बात नहीं है।
स्वामी ने कहा है कि देश के विभाजन से पहले जिन्ना ने भी इस देश के लिए योगदान दिया था। उन्होंने कहा, ‘जो इस प्रकार से बकवास भरे बयान देता है, चाहे वह हमारे सांसद विधायक दें या किसी अन्य दल के दें, लोकतंत्र में उसकी कोई मान्यता नहीं है। जिन भी महापुरुषों का योगदान इस राष्ट्र के निर्माण में रहा है, अगर उन पर कोई अंगुली उठाता है तो हम समझते हैं कि बहुत घटिया सोचता है। देश के विभाजन से पहले जिन्ना का भी योगदान इस देश में रहा है।’
UP BJP Minister Swami Prasad Maurya contradicts BJP's stand on Jinnah portrait in AMU, says 'it is cheap on the part of the individual to question any great personality who has contributed to nation building' #AMUDumpJinnahRow pic.twitter.com/o9lsNaEH24
— TIMES NOW (@TimesNow) May 1, 2018
वहीं हरियाणा के कांग्रेस विधायक करन दलाल ने भी जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बताया है। उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर लगे होने में गलत क्या है, हमें हर किसी की तस्वीर का सम्मान करना चाहिए। दलाल ने कहा कि उन सभी नेताओं का शुक्रिया अदा किया जाना चाहिए, जिन्होंने देश के लिए आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाई। बता दें कि सबसे बीजेपी सांसद सतीश गौतम द्वारा यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर लगाए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया गया था। गौतम ने वीसी तारिक मंसूर को खत लिखते हुए इस मामले में सफाई देने की मांग की थी। गौतम ने अपने खत में लिखा था कि ऐसी क्या मजबूरी हो गई थी कि जिन्ना की तस्वीर लगानी पड़ गई। उनका कहना था कि भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर लगाने का कोई औचित्य नहीं है। गौतम के खत के जवाब में विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने जिन्ना को अविभाजित भारत का हीरो बताया। उन्होंने कहा कि वीसी को न लिखते हुए गौतम को छात्रसंघ के लिए खत लिखना चाहिए था, क्योंकि तस्वीर स्टूडेंट हॉल में लगी है।