उत्तरप्रदेश में गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने वाले हैं। ऐसे में आगरा में बेसिक शिक्षा विभाग के तहत आने वाले स्कूलों में शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। इन स्कूलों में सफाई कर्मचारियों के नहीं होने के कारण छुट्टियों के बाद स्कूल को साफ करने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर आ गई है। ऐसे में शिक्षक क्लासरूम के साथ ही स्कूल परिसर की सफाई करने को मजबूर है।

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार आगरा में नॉर्थ विजय नगर कॉलोनी में प्राइमरी स्कूल की हेड टीचर सुमा कुमारी ने कहा कि मेरे स्कूल में कोई सफाई वाला नहीं है। स्कूल में 1 जुलाई से पढ़ाई शुरू होने वाली है। ऐसे में छात्रों के लिए स्कूल को खुद साफ करने के अलावा मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

हेड टीचर ने कहा कि आगरा में कई ऐसे स्कूल हैं जिनमें सफाई कर्मचारी नहीं हैं। ऐसे में शिक्षक या तो खुद स्कूलों को साफ कर रहे हैं या फिर अपने खर्च पर स्कूल को साफ कराने पर मजबूर हैं। इस बारे में जब बेसिक एजुकेशन के अतिरिक्त महानिदेशक से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने से इनकार कर दिया।

एक अन्य टीचर निधि श्रीवास्तव ने बताया कि मैं अपने स्कूल में एकमात्र टीचर हूं। ऐसे में मैं 25 जून से ही क्लासरूम के साथ ही स्कूल परिसर की सफाई कर रही हूं। हालांकि, इस मामले में मेरी कुक जो कि एक महिला है, मेरी मदद कर रही है। टीचर ने कहा कि मुझे मन मारकर क्लासरूम को साफ करना पड़ रहा है।

‘टीचर ने कहा कि क्लास में धूल के साथ ही प्लास्टिक बोतल और पॉलीथीन बैग जैसा कचरा फैला हुआ है। अभी तक मैं सिर्फ क्लासरूम ही साफ कर सकी हूं। आगरा में यूनाइटेड टीचर एसोसिशन के जिला सचिव राजीव वर्मा का कहना है कि हमने स्कूलों में सफाई कर्मचारियों की अनुपलब्धता के बारे में संबंधित अधिकारियों को बताया है।