दिल्ली सरकार ने अपने एक नए आदेश में कहा है कि वैक्सीन नहीं लगवाने वाले सरकारी कर्मचारी ऑफिस नहीं जा सकते हैं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने शुक्रवार को ये आदेश जारी किया। आदेश के अनुसार बिना टीकाकरण वाले कर्मचारियों को 16 अक्टूबर से ऑफिस में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

डीडीएमए के आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों और फ्रंट लाइन कर्मचारियों सहित दिल्ली सरकार के ऐसे सभी कोरोना के टीके नहीं लेने वाले कर्मचारियों को तब तक छुट्टी पर माना जाएगा, जब तक कि वो वैक्सीन की पहली खुराक नहीं ले लेते।

आदेश में कहा गया है कि सभी विभाग के प्रमुख आरोग्य सेतु ऐप या टीकाकरण प्रमाण पत्र के जरिए टीका ले चुके कर्मचारियों का सत्यापन करेंगे। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव द्वारा जारी इस आदेश के अनुसार केंद्र सरकार, दिल्ली में काम करने वाले अपने कर्मचारियों के संबंध में इसी तरह के निर्देश जारी करने पर विचार कर सकती है।

आदेश के अनुसार कर्मचारियों को ऑफिस आने के लिए कम से कम वैक्सीन की एक खुराक लेना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने वाले कर्मचारियों के लिए ये आदेश अब घाटे का सौदा साबित होगा। सरकार उन्हें छुट्टी पर मानेगी तो उतने दिन की सैलरी भी काट ही ली जाएगी।

बता दें कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 29 सितंबर को ही सभी सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों, स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य कर्मचारियों के लिए शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने का फैसला किया था। ये कर्मचारी लगातार आम जनता के संपर्क में रहे हैं। आज का आदेश भी डीडीएम के उसी फैसले से जोड़ कर देखा जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में अबतक 60 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लग गया है। हालांकि अभी भी एक बड़े हिस्से को टीका लगना बाकी है। सरकार कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए अब सभी सार्वजनिक जगहों को खोल चुकी है, लेकिन त्योहारों के मौसम से पहले कोरोना के मामले भी बढ़ने लगे हैं। जिसके बाद अब केंद्र भी राज्य सरकारों से सतर्कता बरतने की सलाह दे रही है।

अभी देश में कोरोना के रोज 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, जो त्योहारों के सीजन में बढ़ सकते हैं। इसलिए सरकार कोरोना नियमों पर सख्ती के साथ-साथ टीकों पर जोर देती दिख रही है।