उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात कर्मचारी अब अपने अधिकारियों से झूठ नहीं बोल पाएंगे। इसके लिए वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगवा दिया गया है। ताकि गाड़ी को लोकेशन के हिसाब से ट्रैक कर लिया जाए। दरअसल उन्नाव के एसपी ने जिले में तैनात सभी पुलिस कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए सभी गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगवाकर नई पहल शुरू की है। अब पुलिस कर्मियों को उनकी गाड़ी के लोकेशन के हिसाब से ट्रैक किया जा सकेगा। इसके साथ ही जीपीएस पुलिस पर पूरी निगरानी रखेगा।
दरअसल उन्नाव में कुछ समय पहले पुलिस को लेकर इस तरह की शिकायतें मिली थीं। शिकायत करने वालों ने कहा था कि पुलिसकर्मी ड्यूटी पर होने के बावजूद गलत जानकारी देते थे। या फिर बात को गोल गोल घुमा कर जवाब देते थे। इसको लंबे समय तक देखते हुए एसपी ने पुलिस की विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए जीपीएस सिस्टम शुरू किया। एसपी दीपक भूकर ने पुलिस कर्मियों पर निगरानी रखने के लिए जीपीएस सिस्टम लगाने का आदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने जिले में तैनात पुलिसकर्मियों को हिदायत की कि अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
27 गाड़ियों में लगा जीपीएस
उन्नाव एसपी दीपक भूकर के निर्देश से पहले जिले में 43 चार पहिया वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगे थे। ये गाड़ी 112 नंबर के लिए थी। जबकि आदेश के बाद 27 नए वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगवा दिया गया है। एसपी दीपक भूकर के अनुसार जीपीएस लगवाने का उद्देश्य यह है कि गाड़ी में तैनात पुलिसकर्मियों की सही लोकेशन पता चल सके। ताकि लोगों की सेवा सही तरीके से की जा सके। इसके साथ ही जिले के सभी थाने की प्रमुख गाड़ियों में भी जीपीएस लगवा दिया गया है।
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उन्नाव जिले के पुलिस प्रशासन द्वारा लिए गए इस निर्णय का लोगों ने स्वागत किया है। लोगों का मानना है कि गाड़ियों में जीपीएस लग जाने से पुलिसकर्मी अपने काम के प्रति जिम्मेदार होंगे और उनको ये भी पता होगा कि वो कहाँ हैं ये ऑफिस में बैठे लोगों को भी पता है। इस वजह से वो लापरवाही नहीं करेंगे।
एसपी की बनी मिसाल
उन्नाव पुलिस की इस नई व्यवस्था को देखने के बाद ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि अन्य जिलों में भी पुलिस की कार्यशैली को सही करने के लिए गाड़ियों में जीपीएस को लगाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो एसपी दीपक भूरक की ये पहल मिसाल हो जाएगी।