केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि 29 किमी लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे के तीन-चार महीने में पूरे होने की संभावना है और दिसंबर से पहले आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। नितिन गडकरी ने परियोजना का निरीक्षण करने के दौरान बताया कि इसकी लागत 10,000 करोड़ रुपये है। इसमें 75 से 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। उनके साथ दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह और राव इंद्रजीत सिंह, और सांसद परवेश सिंह वर्मा और रमेश बिधूड़ी भी मौजूद रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि एक्सप्रेसवे 65 हजार करोड़ रुपये की योजना का हिस्सा है जिसमें दिल्ली और पड़ोस के क्षेत्र शामिल हैं।
गडकरी ने कहा कि पूरी परियोजना चार पैकेजों में बंटी हैं। पहला महिपालपुर के पास शिव मूर्ति से द्वारका तक लगभग 60% पूरा हो गया है। दूसरा द्वारका अर्बन एक्सटेंशन रोड (UER) से बजघेरा तक दूसरा पैकेज लगभग 82% पूरा हो गया है जबकि बजघेरा से बसई रेल ओवरब्रिज (दिल्ली-हरियाणा सीमा) तक तीसरा पैकेज लगभग 93% पूरा हो गया है। बसई आरओबी से खेरकी दौला तक चौथा पैकेज करीब 99 फीसदी पूरा हो चुका है।
गडकरी ने कहा कि हरियाणा की तरफ पड़ने वाले राजमार्ग यानी पैकेज 3 और 4 का 99% काम पूरा हो चुका है। इसका 18.9 किमी खंड हरियाणा में है, जबकि 10.1 किमी दिल्ली में स्थित है।मंत्री ने कहा कि यह देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे और आठ लेन का पहला सिंगल पिलर फ्लाईओवर है। इसका निर्माण एक सुरंग, अंडरपास, ग्रेड रोड, एलिवेटेड रोड और फ्लाईओवर के ऊपर किया जा रहा है।
परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये की लगभग 60 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया था, जबकि अन्य 500 करोड़ रुपये पानी, सीवेज नेटवर्क और 720 केवी हाई-टेंशन तार को हटाने के लिए खर्च किए गए थे। परियोजना के लिए काटे गए लगभग 12,000 पेड़ों का दोबारा लगाया भी गया।