लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू मिश्रा की दूसरी जमानत याचिका यहां जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दी। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने कहा कि शुक्रवार को आशीष मिश्रा की दूसरी जमानत याचिका उनके वकील अवधेश सिंह द्वारा प्राथमिकी संख्या 219 में संशोधित भादंवि की धाराओं के संदर्भ में प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोना सिंह की अदालत में दायर की गई। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जमानत के लिए पर्याप्त आधार नहीं है और उसने अपराध की गंभीरता को देखते हुए दूसरी जमानत अर्जी खारिज कर दी।
आशीष मिश्रा की दूसरी जमानत याचिका मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा 14 दिसंबर को एसआइटी को धारा 307 (हत्या का प्रयास), 326 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों से गंभीर नुकसान पहुंचाने) को जोड़ने की अनुमति दिए जाने के बाद दायर की गई थी। अदालत ने विशेष जांच दल (एसआइटी) को शस्त्र अधिनियम की धारा 35 के साथ पठित धारा 3/25/30 लगाने की भी अनुमति दी थी, जो मूल प्राथमिकी का हिस्सा नहीं थे, जिसमें आशीष मिश्रा मोनू और 12 अन्य आरोपी हैं।
इसने तिकुनिया हिंसा मामले की जांच कर रही एसआइटी को प्राथमिकी संख्या 219 से भादंवि की धारा 279, 338 और 304 ए को हटाने की भी अनुमति दी थी जो चार किसानों और एक स्थानीय पत्रकार की मौत से संबंधित थी।
गौरतलब है कि तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा समेत एक दर्जन से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है और सभी जिला कारागार में बंद हैं।