केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश की प्रमुख समस्याओं में से बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। गडकरी ने शुक्रवार (4 जनवरी) को कहा कि रोजगार और नौकरियों में अंतर होता है। वह नागपुर में फॉर्च्यून फाउंडेशन द्वारा आयोजित युवा सशक्तीकरण शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे। पीटीआई की खबर के मुताबिक रोजगार सृजन के बारे में बात करते हुए गडकरी ने कहा, ”बेरोजगारी की समस्या का निदान करने पर सभी को नौकरियां नहीं मिल सकती हैं क्योंकि रोजगार और नौकरियों में अंतर होता है। नौकरियों में सीमाएं हैं और इसीलिए किसी भी सरकार के लिए रोजगार सृजन वित्तीय नीति का मुख्य हिस्सा है।” गडकरी ने कहा कि देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सोचने की जरूरत है। उन्होंने मल्टी मॉडल इंटरनेशनल कार्गो हब और एयरपोर्ट, बुटिबोरी एमआईडीसी एरिया और नागपुर मेट्रो रेल का उदाहरण देते हुए दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार पिछले चार वर्षों में विदर्भ खासकर नागपुर में नौकरियों पैदा करने में कामयाब रही।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मैं दोनों नागपुर से हैं और विदर्भ के कम से कम 50 हजार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का फैसला किया था।” गडकरी ने दावा किया कि परिणामस्वरूप 27 हजार युवा पहले ही कई तरह से रोजगार के अवसर पा चुके हैं और अगले वर्ष 50 हजार का आंकड़ा पार हो जाएगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उद्योगों के लिए बिजली, पानी और सड़क की जरूरत है और इससे रोजगार सृजन होगा।
गडकरी ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि बिजली बचाने की और विदर्भ क्षेत्र में एक लाख करोड़ की लागत की सड़कें बनाने की दिशा में राज्य काम कर रहा था। गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र में एक लाख करोड़ की लागत के सिंचाई कार्यों की शुरुआत करेगी। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई मुद्रा योजना के तहत लगभग 9.5 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए हैं।” गडकरी ने कहा कि इसके अतिरिक्त कृषि क्षेत्र में 11 लाख करोड़ रुपये के लोन बांटे गए हैं। उन्होंने महात्मा गांधी के हवाले से कहा कि “हम अधिकतम व्यक्तियों की संख्या के साथ अधिकतम उत्पादन चाहते हैं।”