Lakhimpur Kheri: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुए उस हादसे को कौन भूल सकता है। पिछले साल 3 अक्टूबर को तिकुनिया गांव में हुई हिंसा को कभी नहीं भूल सकता, जिसमें 8 लोगों की जान चली गई थी। इसी हिंसा में किसानों की तरफ से पीट-पीट मारे गए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता श्यामसुंदर निषाद, शुभम मिश्रा और हरिओम मिश्रा की मौत को भी एक साल हो गया है। बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत को एक साल पूरा होने पर श्रद्धांजलि देने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी पहुंचे। इस दौरान उनसे एक पत्रकार ने सवाल पूछा तो भड़क गए।

दरअसल, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी बीजेपी कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद वापस अपनी गाड़ी की तरफ लौट रहे थे, तो उस वक्त एक पत्रकार ने उनसे लखीमपुर खीरी हिंसा पर सवाल पूछना चाहा तो केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘अभी जो बोले सुने नहीं? वही दिखाओ। अलग से क्या चाहिए।” दरअसल, ऐसा पहली बार नहीं है इससे पहले केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी मीडिया के सवालों पर कई बार भड़कते हुए देखे गए हैं।

तिकुनिया गांव में हुई हिंसा को जानिए

बता दें कि उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ किसान 3 अक्टूबर, 2021 को तिकुनिया गांव में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान कार से कुचलकर 4 किसानों और 1 पत्रकार की मौत हो गई थी। इसके बाद की हिंसा में 2 बीजेपी कार्यकर्ताओं और 1 ड्राइवर सेमत तीन अन्य लोग मारे गए थे। हिंसा में मारे गए किसान केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्हें बाद में मोदी सरकार ने वापस ले लिया था।

किसानों की मांग- टेनी की बर्खास्तगी के सिवा कुछ मंजूर नहीं

इस हिंसा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्‍य आरोपी बनाया गया है. वह अभी जेल में बंद है। घटना के बाद से ही किसान संगठन लगातार टेनी की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने खीरी कांड की पहली बरसी (3 अक्टूबर) पर कहा था कि न किसान लखीमपुर खीरी कांड को भूले हैं और न ही वे सरकार को भूलने देंगे और उन्हें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी के अलावा कुछ मंजूर नहीं।