AAP Saurabh Bharadwaj Satyendar Jain: आम आदमी पार्टी (AAP) के दो बड़े नेताओं सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मिल गई है। इस मामले में दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने इन दोनों नेताओं के खिलाफ 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के स्वास्थ्य महकमे से जुड़े प्रोजेक्ट्स में कथित गड़बड़ियों को लेकर जांच की अनुमति मांगी थी। हालांकि AAP ने भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है।

इस साल की शुरुआत में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन को हार का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही AAP भी दिल्ली की सत्ता से बाहर हो गई थी।

दोनों नेताओं के खिलाफ जांच को मंजूरी Prevention of Corruption (Poc) Act, 1988 के तहत दी गई है। इस मामले में सतर्कता विभाग ने एक महीना पहले जांच शुरू की थी और मामले की गहराई से जांच के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी।

क्या है यह पूरा मामला?

इस मामले में दिल्ली विधानसभा के मौजूदा स्पीकर और बीजेपी के नेता विजेंद्र गुप्ता भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसके बाद अगस्त 2024 में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जांच शुरू की। उस वक्त विजेंद्र गुप्ता विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। गुप्ता का आरोप था कि दोनों ही नेता भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल रहे हैं।

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गुप्ता के मुताबिक, इन प्रोजेक्टस में जानबूझकर देरी की गई और इससे प्रोजेक्ट्स की लागत बढ़ गई। गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि AAP सरकार के कार्यकाल के दौरान अस्पतालों से जुड़े 24 प्रोजेक्ट्स की अनुमानित लागत 5,590 करोड़ थी लेकिन इनकी लागत बढ़ गई और यह सभी प्रोजेक्ट्स अपने तय वक्त में पूरे नहीं हो सके।

गुप्ता ने आरोप लगाया था कि इस मामले में बड़े पैमाने पर धन का दुरुपयोग किया गया।

गुप्ता ने अपनी शिकायत में जिन मामलों का हवाला दिया है उनमें ICU के सात अस्पताल शामिल हैं। गुप्ता ने कहा था कि सितंबर, 2021 में यह अस्पताल 1,125 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत हुए थे और इन्हें 6 महीने के भीतर पूरा करने का टारगेट रखा गया था लेकिन 3 साल बाद भी इनका सिर्फ 50% काम ही पूरा हो पाया है। उदाहरण के लिए LNJP अस्पताल में एक नया ब्लॉक बनना था और इसके लिए शुरूआत में 465.22 करोड रुपए स्वीकृत किए गए थे लेकिन बाद में इसकी लागत बढ़कर 1,125 करोड़ हो गई।

सरकारी खजाने को नुकसान की बात

ACB ने भी अपनी शुरुआती जांच में संकेत दिया कि यह मामला लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है और इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है। गुप्ता की शिकायत को ACB ने दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग को भेज दिया था और तमाम जांच के बाद राज्यपाल के आवास को अपने निष्कर्ष सौंप दिए थे।

सतर्कता विभाग ने तमाम वजह बताते हुए कहा था कि इस मामले में जांच होनी चाहिए।

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AAP का क्या कहना है?

AAP का कहना था कि परियोजनाओं में देरी को भ्रष्टाचार नहीं कहा जा सकता और बीजेपी और उप राज्यपाल ने परियोजनाओं में देरी को होने को भ्रष्टाचार बताकर इसे हथियार बनाया है और सरकार को मजाक का विषय बना दिया है। सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि विजेंद्र गुप्ता की शिकायत में जिन प्रोजेक्ट्स की बात की गई है, उनमें से किसी को भी उनके कार्यकाल में मंजूरी नहीं मिली थी।

हाल ही में आए विधानसभा उपचुनाव के नतीजों में AAP को राहत मिली थी। पार्टी को पंजाब और गुजरात में एक-एक सीट पर जीत मिली थी लेकिन दिल्ली में उसके नेताओं की मुश्किलों में इजाफा होता दिख रहा है।

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