उत्तरप्रदेश की योगी सरकार अनफिट पुलिसकर्मियों की छंटनी करने जा रही है। सरकार ने 50 साल की उम्र पार चुके अनफिट पुलिसकर्मियों को सेवानिवृत्ति देने का निर्णय लिया है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को पत्र भी भेजा गया है और उनसे अनफिट पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करने को कहा गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये आदेश उत्तरप्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) संजय सिंघल द्वारा जारी किए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि सभी जिलों में 50 वर्ष की आयु सीमा पार चुके कांस्टेबल से लेकर निरीक्षक स्तर तक के पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग में भ्रष्ट, अनफिट और गैर अनुशासित पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों को सेवानिवृत्ति दी जाएगी। आदेश में नवम्बर तक इस सूची को पुलिस मुख्यालय को सौंपने के लिए कहा गया है।

उत्तरप्रदेश पुलिस द्वारा जारी किए गए इस आदेश को लेकर एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा है कि 50 साल से ऊपर के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग 1985 से ही लागू है। इस स्क्रीनिंग को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 50 वर्ष से अधिक आयु के वे पुलिसकर्मी जिनकी स्क्रीनिंग एक बार हो चुकी है। वे दोबारा से स्क्रीनिंग में शामिल नहीं होंगे।  

उत्तरप्रदेश में पहले भी पुलिसकर्मियों की छंटनी होती रही है। इसके लिए जिला पुलिस मुख्यालय द्वारा हर साल सभी पुलिसकर्मियों की एसीआर रिपोर्ट भी तैयार की जाती है। इसी रिपोर्ट के आधार पर ही उत्तरप्रदेश पुलिस के अनफिट या अयोग्य पुलिसकर्मियों की छंटनी की जाती है। हालांकि 2017 से इस नियम में सख्ती बरती गई है और अनफिट पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा रही है।

साल 2019 में भी उत्तरप्रदेश में 364 पुलिसकर्मियों को सेवानिवृत्ति दी गई थी। इसमें 11 इंस्पेक्टर, 63 सब इंस्पेक्टर, 80 हेड कांस्टेबल और 200 कांस्टेबल शामिल थे। साथ ही इनमें कई ग्रुप डी के कर्मचारी भी शामिल थे। इन पुलिसकर्मियों को पुलिस सेवा के लिए अनफिट और भ्रष्ट पाए जाने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी।