जदयू में जारी आंतरिक कलह शांत होता नहीं दिख रहा है। बिहार के मुख्‍यमंत्री और पार्टी नेता नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाले विधानसभा के पूर्व अध्‍यक्ष उदय नारायण चौधरी ने नए सिरे से हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि नीतीश कुमार का कद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहीं बड़ा था, जिसे बीजेपी ने बौना कर दिया है। वरिष्‍ठ नेता ने NDA में फिर से शामिल होने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इस कदम से जदयू कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। उदय नारायण ने छह और नेताओं के बागी होने का भी दावा किया है। वहीं, जदयू ने उनके दावों को तवज्‍जो नहीं दी है।

उदय नारायण ने बुधवार को गया जिले के इमामगंज में बैठक की थी। पूर्व विस अध्‍यक्ष ने कहा कि उनके द्वारा उठाए गए मसलों को लेकर जदयू के छह और नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। उन्‍होंने दावा किया कि सदस्‍यता छोड़ने वालों में पार्टी राष्‍ट्रीय परिषद के सदस्‍य बालेश्‍वर प्रसार बिंद भी शामिल हैं। उदय नारायण ने कहा, ‘NDA में शामिल होने से पहले मेरे नेता (नीतीश कुमार) का कद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बड़ा था। लेकिन, नीतीश अब बौने हो चुके हैं। इससे पूरी पार्टी हतोत्‍साहित हुई है।’ उन्‍होंने स्‍थानीय स्‍तर के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी सदस्‍यता से इस्‍तीफा देने का भी दावा किया है। उदय नारायण चौधरी के मुताबिक, बिंद के अलावा गया जिले के जदयू प्रवक्‍ता ब्रजेश सिंह व साजिद अहमद बागी, इमामगंज ब्‍लॉक के प्रमुख प्रह्लाद प्रसाद, डुमरिया ब्‍लॉक के प्रमुख सुरेंद्र प्रसाद सिंह और बांके बाजार ब्‍लॉक के पार्टी प्रमुख राजकुमार यादव ने भी पार्टी छोड़ दी है। उन्‍होंने पार्टी नेतृत्‍व पर विरोध की आवाज को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि इमामगंज की बैठक में 500 से ज्‍यादा कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी की सदस्‍यता त्‍याग दी है। वरिष्‍ठ नेता ने राज्‍य सरकार की छात्र क्रेडिट कार्ड स्‍कीम पर सवाल उठाते हुए छात्रवृत्ति योजना को फिर से लागू करने की वकालत की है।

जदयू ने नहीं दी तवज्‍जो: पार्टी ने उदय नारायण चौधरी के दावों को ज्‍यादा तवज्‍जो नहीं दी है। जदयू ने कहा कि इन स्‍थानीय नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पिछले सप्‍ताह ही निष्‍कासित कर दिया गया था। पार्टी प्रवक्‍ता नीरज कुमार ने कहा, ‘उदय नारायण चौधरी अलग राजनीतिक रास्‍ता बना रहे हैं। गया के नेताओं को एक सप्‍ताह पहले ही निष्‍कासित कर दिया गया था। इस घटनाक्रम को वह अपने तरफ करने की कोशिश कर रहे हैं।’ उदय नारायण चौधरी ने चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने से पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव को राजनीतिक लाभ होने की बात भी कही थी।