खादी एक ऐसा उत्पाद है, जिसे महात्मा गांधी और स्वदेशी से जोड़कर देखा जाता है। पिछले कुछ समय से आधुनिक तकनीक और फैशन के साथ कदमताल के चलते खादी की लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ है। अब ग्रामीण औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करने के मकसद से उत्तर प्रदेश सरकार ने सोलर चरखे से तैयार कपड़ों को भी खादी की श्रेणी में रखा है। इस प्रकार ‘खादी ग्रामोद्योग विकास एवं सतत स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति’ के तहत उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने सोलर चरखे से तैयार कपड़ों को खादी की श्रेणी में रखा है। खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘राज्य सरकार सोलर चरखों पर काम करने का प्रशिक्षण देकर, कारीगरों को कच्चा माल मुहैया कराकर और उनसे उत्पाद खरीदने का विशेष कार्यक्रम चला रही है।’ उन्होंने कहा कि कारीगरों को सोलर चरखों पर काम करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं उन्हें सुविधाएं मुहैया कराकर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने खादी को नया रूप दिया है।
सोलर चरखे वितरित किए गए हैं, जिससे खादी का उत्पादन तीन गुना होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि राज्य में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) के आधार पर खादी को विकसित किया जा रहा है। राज्य में 128 खादी समितियों को कर्ज मुक्त किया गया है। साथ ही अधिकारी ने कहा कि खादी के विकास के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। नौजवानों को खादी से जोड़ने के लिए इसे फैशन के अनुरूप ढाला जा रहा है। राज्य सरकार खादी में बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ‘खादी पार्क’ और ‘खादी प्लाजा’ का निर्माण कराएगी, जहां एक ही छत के नीचे देश-प्रदेश की खादी की बिक्री की सहूलियत हो सकेगी।अधिकारी ने बताया कि प्रदेश की खादी संस्थाओं को उनके उत्पादों की बिक्री में सहायता के लिए उन्हें ‘ऑनलाइन प्लेटफार्म’ से सीधे जोड़ा गया है। इसके तहत ‘अमेजन’ के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए है और खादी उत्पाद अमेजन पर उपलब्ध कराए गए हैं।
अब तक 44 इकाइयों के विशेष उत्पाद अमेजन के माध्यम से बेचे जा रहे हैं। इस संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है और आशा की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग यहां से खादी के विशिष्ट उत्पाद खरीदेंगे। उन्होंने बताया कि अमेजन के अलावा ‘फ्लिपकार्ट’ जैसे ऑनलाइन विक्रेताओं से भी अनुबंध का प्रस्ताव है ताकि अधिक से अधिक इकाइयों की सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा सके। अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से हर गुजरते वक्त के साथ खादी के उत्पादों की संख्या और बिक्री में इजाफा हो रहा है। पिछले वर्ष खादी उत्पादों की लगभग 700 करोड़ रुपए की बिक्री हुई थी। इस वर्ष भी खादी की बिक्री में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने में राज्य सरकार की ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना काफी असरकारी साबित हो सकती है। प्रदेश के सभी जिलों में कम-से-कम एक विशिष्ट उत्पाद मौजूद है। इन उत्पादों की ब्राडिंग, मैपिंग और मार्केटिंग से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं।
128 खादी समितियां कर्ज मुक्त
खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘राज्य सरकार सोलर चरखों पर काम करने का प्रशिक्षण देकर, कारीगरों को कच्चा माल मुहैया कराकर और उनसे उत्पाद खरीदने का विशेष कार्यक्रम चला रही है।’ उन्होंने कहा कि कारीगरों को सोलर चरखों पर काम करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं उन्हें सुविधाएं मुहैया कराकर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने खादी को नया रूप दिया है। सोलर चरखे वितरित किए गए हैं, जिससे खादी का उत्पादन तीन गुना होने की संभावना है।