डिजिटल युग में जहां इंटरनेट की मदद से हर काम सुपरफास्ट हो रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के दो स्कूलों में आज भी सबकुछ 63 सालों से पुराने ढर्रे में चल रहा है। 63 सालों से इन स्कूलों में बिजली नहीं आई है और बच्चे भीषण गर्मी में पढ़ने को मजबूर हैं।
कानपुर के कौशलपुरी इलाके में 1959 से किराए के मकान में चल रहे कौशलपुरी प्राथमिक विद्यालय प्रथम और प्राथमिक विद्यालय ओमनगर स्कूल का बुरा हाल है। इन दोनों स्कूल में 63 साल बाद भी बिजली का मीटर नहीं लग पाया है, स्कूल की बत्ती गुल है और बच्चे तपती गर्मी में पढ़ने को मजबूर हैं। स्कूल की प्रिंसिपल कई बार बिजली विभाग से लेकर एमडी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और डीएम तक शिकायत कर चुकी हैं लेकिन बिजली को लेकर मामला इन विभागों के बीच ही कहीं अटका हुआ है।
भीषण गर्मी में बिना बिजली के पढ़ते बच्चों का कहना है कि इतनी गर्मी में लाइट न होने की वजह से धूप में बैठकर पढ़ना पड़ता है। नन्हे बच्चों का कहना है कि धूप और गर्मी की वजह से पढ़ने में मन नहीं लगता है। वहीं, इस बारे में स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि मैं भी इन बच्चों के साथ इसी स्कूल में बिना बिजली के रहती हूं। यहां पर जुगाड़ से बिजली जलती थी जो इलेक्शन टाइम में जोड़ दी गयी थी क्योंकि यहां बूथ बनते हैं, पर अब दोबारा काट दी गयी है। जिस वजह से दोनों स्कूलों के 90 बच्चे बिना बिजली, पानी के अंधेरे और गर्मी में पढ़ने को मजबूर हैं।
कानपुर के कौशलपुरी में साल 1959 से प्राथमिक विद्यालय चल रहा है। तीन साल पहले ही इसमें से एक प्राथमिक विद्यालय ओमनगर शिफ्ट हो गया। दोनों स्कूलों में 4 लोगों का स्टाफ है और कुल 90 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। 63 साल बाद भी इस स्कूल के पास खुद का बिजली का मीटर नहीं है। हाल ही में हुए चुनाव के बाद बिजली विभाग ने स्कूल की बत्ती काट दी, जिसके बाद स्कूल की प्रिंसिपल ने तमाम संबंधित विभागों में इसकी सूचना दी लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया और स्कूल में अभी भी अंधेरा है।
स्कूल की प्रिंसिपल गीता गुप्ता का कहना है कि ऐसी कोई जगह नहीं जहां वो लोग मदद के लिए नहीं गए हों लेकिन फिर भी कोई हल नहीं मिल पाया. 2019 में स्कूल की तरफ से नए मीटर के लिए भी अप्लाई किया गया, बावजूद इसके स्कूल में बिजली नहीं आ पाई। स्कूल में बिजली का कोई बकाया बिल भी नहीं है फिर भी नया कनेक्शन देने में पता नहीं क्या दिक्कत आ रही है। वहीं बिजली विभाग का कहना है कि कई साल पहले यहां रहने वाले किसी किरायेदार ने बिजली के बिल का पूरा भुगतान नहीं किया था इस कारण नया मीटर नहीं लग रहा है।