Indian Railways: एक मां ने अपनी दो साल की बच्ची के लिए दिल्ली से इटावा में दो नॉन स्टॉप ट्रेन रुकवा दीं। इस बच्ची को लेकर गलत ट्रेन में चले मानसिक रूप से बीमार उसके पिता को अहसास ही नहीं था कि वह कहां जा रहा है। दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छूटी मां ने रेलवे अफसरों से मदद मांगी तो नॉन स्टॉप ट्रेन को इटावा में रुकवाया गया।
उधर, दूसरी नॉन स्टॉप ट्रेन से मां इटावा पहुंची। इस ट्रेन को भी इटावा में रोका गया। इस तरह दिल्ली स्टेशन पर बिछड़ा परिवार इटावा स्टेशन पर एक दूसरे से मिल गया। यहां लिखापढ़ी के बाद परिवार को रवाना कर दिया गया। इस घटनाक्रम के चलते दुरंतो 5 मिनट और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस 6 मिनट खड़ी रही।
बिहार के मधुबनी निवासी नकीर उल हसन की पत्नी गुलफ शाह और 2 साल की बेटी और रिश्तेदार रिजवान के साथ गाड़ी संख्या 12562 स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से मधुबनी जाना था। यह लोग दिल्ली स्टेशन पर आए थे। इसी बीच गाड़ी संख्या 12276 प्रयागराज दुरंतो एक्सप्रेस आ गई। जिसमें नकीर उल हसन बेटी को लेकर सवार हो गए। पत्नी उनको गलत ट्रेन में चढ़ते देख रोकने लगी, लेकिन तब तक ट्रेन रवाना हो चुकी थी।
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गुलफ शाह ने रेलवे अफसर को बताया कि पति मानसिक तौर पर बीमार है। यात्रियों ने रेलवे के ट्विटर और रेल मदद पर शिकायत दर्ज कराई। कंट्रोल की सूचना पर दुरंतो एक्सप्रेस का स्टॉपेज न होने की बावजूद इटावा जंक्शन पर सुबह 9:18 पर रोका गया। ट्रेन के रुकते ही आरपीएफ के एसआई हीराचंद मीना महिला हेड कांस्टेबल पोष्पा के साथ पहुंचे उनकी और नकीर बच्ची को ट्रेन से उतारकर आरपीएफ पोस्ट लाए।
तीन घंटे बाद ट्रेन स्वतंत्रता सेनानी से गुलफशाह आई, तब इस नॉनस्टॉप ट्रेन को दोपहर 12:16 बजे इटावा जंक्शन पर रोका गया। लिखापढ़ी के बाद परिवार को इसी ट्रेन से रवाना कर दिया गया।
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