Ghaziabad: दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी में रविवार को एक निर्माणाधीन इमारत की छत गिरने से दो मजदूरों की मौत गई और 11 अन्य घायल हो गये। एनडीआरएफ द्वारा बचाव अभियान देर शाम तक जारी रहा। मरने वाले दोनों मजदूरों की पहचान बरेली निवासी राजेश दास (30) और लोनी निवासी मोहम्मद समीर (45) के रूप में हुई है। इस बात की जानकारी पुलिस ने दी।

पुलिस ने बताया कि राहत बचाव कार्य जारी है। चार लोगों को बचा लिया गया है। उन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है। पुलिस उपायुक्त रवि कुमार ने पीटीआई को बताया कि लगभग 15 से 16 मजदूरों के मलबे के नीचे होने की आशंका है। पुलिस और अन्य एजेंसियां उन्हें बचाने की कोशिश कर रही हैं।

बिल्डिंग को जीडीए से नहीं मिली थी मंजूरी

शुरुआती जांच में पता चला कि प्लाट पर फैक्ट्री बन रही थी, लेकिन बिल्डिंग प्लान को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) से मंजूरी नहीं मिली थी। पुलिस ने प्लॉट के मालिक की पहचान मदन लाल शर्मा के रूप में की है, जो घायलों में से एक हैं। हालांकि स्थानीय निवासी बचाव में लगे हुए थे। इसके बाद पुलिस की एक टीम जल्द ही मौके पर पहुंची। उसके बाद एनडीआरएफ की टीम आई। डीएम, डीसीपी (ग्रामीण) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी घटनास्थल का दौरा किया।

11 घायलों को इलाज जारी

डीसीपी (ग्रामीण) रवि कुमार ने कहा कि रूप नगर के औद्योगिक क्षेत्र में शाम साढ़े चार बजे छत ढह गई। उन्होंने कहा कि लालटेन लगाई जा रही थी, तभी नीचे का सहारा टूट गया, जिससे छत गिर गई। कुमार ने कहा कि सूचना मिलने के 15 मिनट के भीतर हम मौके पर पहुंच गए। अब तक 13 लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है। हमने उन्हें इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल भेजा। दो को मृत घोषित कर दिया गया, 11 का इलाज किया जा रहा है।

साइट पर 13 कर्मचारी मौजूद थे

छत गिरने के समय साइट पर कम से कम 13 कर्मचारी मौजूद थे। किसी भी कर्मचारी के पास कोई सुरक्षा गियर नहीं था। अधिकारी ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद हम इमारत के मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेंगे। हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय निवासियों ने कहा कि जब तक समीर को मलबे से बाहर निकाला गया तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं, लेकिन राजेश की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।

एनडीआरएफ इंस्पेक्टर नरेश चौहान ने कहा कि उन्हें शाम करीब 5 बजे एक कॉल आई। 35 सदस्यों की एक टीम पांच मिनट में साइट के लिए रवाना हो गई। दस्ते का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट कुणाल तिवारी और सहायक कमांडेंट विकास कुमार सैनी कर रहे थे। शाम करीब छह बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। लेकिन एनडीआरएफ की टीम के पहुंचने से पहले ही पुलिस और स्थानीय लोगों ने मलबे के नीचे से मजदूरों को निकाल लिया था। ऑपरेशन रात 10.15 बजे खत्म हुआ।

मामले की जांच के लिए एडीएम के नेतृत्व में टीम गठित

जिला मजिस्ट्रेट राकेश कुमार सिंह, जो जीडीए के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि 500 वर्गमीटर प्लॉट के मालिक ने भवन निर्माण की अनुमति नहीं ली थी। लोनी के एडीएम के नेतृत्व में मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।