Mansukh Mandaviya Vs K T Rama Rao: तेलंगाना में मेडिकल कॉलेज के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच राजनीति तेज हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार (29 अगस्त, 2022) को कहा कि तेलंगाना से राज्य में नया मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए कभी कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला। बता दें, तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के टी रामराव ने रविवार को आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने राज्य में कोई भी मेडिकल कॉलेज बनाने की मंजूरी नहीं दी।
इसके जवाब में मांडविया ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आपकी तेलंगाना राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों के लिए कितने प्रस्ताव भेजे हैं, शून्य।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कम से कम समय में सबसे अधिक सरकारी मेडिकल कॉलेजों को पक्षपात के बिना उन राज्यों को मंजूरी दी है, जिन्होंने प्रस्ताव दिया था”।
इसके बाद केटीआर ने पूर्व केंद्रीय मंत्रियों द्वारा 2015 और 2019 में राज्य सरकार को भेजे दो लेटर पोस्ट किए। उन्होंने कहा, ‘काश आपने जवाब देने से पहले समीक्षा की होती। संलग्न लेटर 2015 से 2019 तक तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्रियों के अनुरोध पर आपके पूर्ववर्तियों के जवाब हैं। तेलंगाना सरकार ने लगातार मेडिकल कॉलेज का अनुरोध किया है, लेकिन सच्चाई यह है कि आपकी सरकार ने कुछ नहीं दिया।’
तेलंगाना के मंत्री केटीआर का जवाब देते हुए मंडाविया ने अगस्त 2019 में अपने पूर्ववर्ती हर्षवर्धन द्वारा तेलंगाना सरकार को भेजे गए एक लेटर को पोस्ट किया, जिसमें तेलंगाना के दो जिलों में मौजूदा जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों में अपग्रेड करने के लिए राज्य सरकार के अनुरोध पर एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भेजने के लिए कहा। उन्होंने दिसंबर 2021 में संसद में दिए गए जवाब को भी सलंग्न किया।
उन्होंने कहा कि पूरे सम्मान के साथ, कृपया मेरे पूर्ववर्ती के पत्र के तीसरे पैरा और हाल ही में संसद में दिए गए उत्तर को पढ़ें। कृपया यह समझने की कोशिश करें कि केंद्र ने हमेशा तेलंगाना राज्य से योजना के अनुसार डीपीआर के साथ एक औपचारिक प्रस्ताव भेजने का अनुरोध और मार्गदर्शन किया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ही मौजूदा जिला/रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र की प्रायोजित योजना को अमली जामा पहनाता है।
सरकार ने संसद में एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि इस योजना के तीसरे चरण के तहत सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से मंत्रालय में विचार के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया था। हालांकि, इस योजना के तहत नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए तेलंगाना राज्य से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। इसके अलावा, सभी 75 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। मंडाविया ने एक अलग ट्वीट में लिखा कि योजना की आवश्यकताओं के अनुसार एक साधारण पत्र भेजने और एक औपचारिक प्रस्ताव के बीच अंतर है।