तमिलनाडु के वेदांता कॉपर स्मेल्टर के खिलाफ इस साल मई में प्रदर्शन कर रहे 13 प्रदर्शनकारियों में से 12 की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि इन लोगों के सिर, छाती और इनमें से आधे प्रदर्शनकारियों के पीछे गोली मारी गई। कई सरकारी अस्पतालों की फोरेंसिक मेडिसिन एक्सपर्ट्स रिपोर्ट्स की समीक्षा के बाद समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह बात कही है। ये रिपोर्ट पहले प्रकाशित नहीं की गईं। मारे गए लोगों में सबसे कम उम्र के युवक की उम्र महज 17 साल थी। उसके सिर के पिछले हिस्से में गोली लगी जो मुंह से बाहर निकल गई। मृतक युवक की पहचान जे. स्नॉलिन के रूप में हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी मिली है।

जे. स्नॉलिन के शव की जांच करने वाली फोरेंसिक मेडिसिन एक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, ‘मृतक की गर्दन के पीछे गोली लगने से कार्डियो-पल्मोनरी अरेस्ट उसकी मौत की वजह लगती है।’ रॉयटर्स की टीम ने जब मृतक के घर पहुंचकर मामले में जानकारी हासिल करने की कोशिश की तो बताया गया कि उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही नहीं मिली। मृतक की मां ने बताया, ‘हम अभी तक उसका अस्तित्व बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।’

मामले में अभी तक किसी पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है और ना ही किसी के खिलाफ इन मौतों को लेकर केस दर्ज किया गया। घटना के बाद एक बयान में तमिलनाडु सरकार ने यह जानकारी दी, जो पुलिस के लिए जिम्मेदार है। सरकार ने कहा कि अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण हमें स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए यह कार्रवाई करनी पड़ी। वेदांता ने इस टिप्पणी का कोई जवाब नहीं दिया।

कंपनी, जिसका इस गोलीबारी में कोई हाथ नहीं है, पहले ही मारे गए लोगों के प्रति खेद व्यक्त कर चुकी है। कंपनी ने कहा कि यह बिल्कुल दुर्भाग्यपूर्ण था। तब घटनास्थल पर मौजूद चार वरिष्ठ अधिकारी और दो सरकारी कर्मचारी ने रॉयटर्स को जून में बताया कि भीड़ के हिंसक होने के बाद उन्हें हथियारों का इस्तेमाल करना पड़ा।