महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में आदिवासी महिला समेत उसके पति को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर पीटने का मामला सामने आया है। दंपति की बकरियां कुछ लोगों के खेत में घुस गई थीं। उन्हीं चार लोगों ने दंपति को इसके बाद बुरी तरह पीटा। स्थानीय पुलिस अधिकारी के मुताबिक, यह घटना 12 सितंबर को भानगांव में हुई थी। हालांकि, पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।
घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो क्लिप में चार लोग पारधी समुदाय की महिला और उसके पति को डंडे से बुरी तरह पीट रहे थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दंपति और उनके बच्चे बकरियों को चरा रहे थे। तभी बकरियां आरोपियों में से एक जयसिंह वागस्कर के खेत में घुस गईं। वागस्कर मराठा समुदाय से ताल्लुक रखता है।
पीड़ित पक्ष की शिकायत पर अधिकारी बोले कि गुस्साए वागस्कर ने अपने दो रिश्तेदारों और एक साथी के साथ परिवार को पकड़ लिया और कथित तौर पर महिला को उसके पति और बच्चों के सामने निर्वस्त्र किया। फिर चारों अरोपियों ने दंपति को डंडे से पीटा। आरोप है कि दंपति की पिटाई के दौरान आरोपियों ने महिला को गलत तरीके से छुआ भी।
उन्होंने आगे बताया कि आरोपियों ने दंपति को जाति संबंधी ताने भी मारे। पास में ही एक अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल फोन पर घटना रिकार्ड कर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया था। अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर 14 सितंबर को आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 354, 324, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज हुआ है।
उधर, केंद्र सरकार ने भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाओं को रोकने के लिए बुधवार को सभी राज्यों से कहा कि आम जनता को इस बारे में जागरुक किया जाए कि किसी भी तरह की भीड़ हिंसा के कानून के तहत गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उच्चतम न्यायालय के सोमवार के निर्देशों का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि भीड़ हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाये जाने चाहिए जिस तरह की घटनाएं पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में घटी हैं।
सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया कि केंद्र और राज्य सरकारों को रेडियो, टीवी और अन्य मीडिया प्लेटफॉर्मों तथा गृह विभाग एवं राज्यों की पुलिस की अधिकृत वेबसाइटों पर इस बात का प्रचार करना चाहिए कि भीड़ द्वारा किसी भी तरह की हिंसा के कानून के तहत गंभीर परिणाम होंगे।