टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्‍स) मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक मसलों पर व्‍यापक चर्चा के लिए जाना जाता है। संस्‍थान के छात्रों का एक समूह एक कार्यक्रम का आयोजन करने वाले थे, जिसमें वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता एवं राजनीतिज्ञ प्रकाश अंबेडकर और जानीमानी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्‍ता सीतलवाड़ मुख्‍य वक्‍ता के तौर पर शामिल होने वाले थे। टिस्‍स प्रशासन ने पहले से ही कई कार्यक्रमों के आयोजन का हवाला देते हुए अनुमति देने से इंकार कर दिया। हालांकि, संस्‍थान के छात्र इस फैसले को मौजूदा राजनीतिक हालात से जोड़ रहे हैं। इस कार्यक्रम में गो रक्षा, जातिगत अत्‍याचार और इस्‍लामोफोबिया पर चर्चा की जाने वाली थी।

‘डीएनए’ की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र संगठन स्‍टूडेंट ऑफ टिस्‍स इन रेजिस्‍टेंस (एसटीआईआर) के छात्र ‘समकालीन नफरत की राजनीति: गो रक्षा, जातिगत अत्‍याचार और इस्‍लामोफोबिया’ नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन करने वाले थे। एसटीआईआर ने शुक्रवार सुबह को अपने फेसबुक पेज पर कार्यक्रम के रद्द होने की जानकारी दी थी। छात्र संगठन ने बताया कि संस्‍थान के प्रशासन ने इसकी मंजूरी नहीं दी है। एसटीआईआर ने लिखा, ‘प्रशासन सम्‍मेलन को रद्द करने के पीछे तर्क देते हुए कहा कि उसी दिन कई कार्यक्रम प्रस्‍तावित हैं। हमें लगता है कि इसके पीछे मौजूदा राजनीतिक हालात बड़ा कारण है। इसके तहत सरकार के प्रति आलोचनात्‍मक रुख रखने वालों को सार्वजनिक मंच मुहैया नहीं कराया जा रहा है। ऐसे समय में जब हाशिये पर रहने वाले तबके पर हमले की घटनाएं चरम पर हैं तब टिस्‍स अपने छात्रों को इस पर विचार-विमर्श की इजाजत नहीं दी है। यह दुर्भाग्‍यपूर्ण है।’

टिस्‍स के निदेशक डॉक्‍टर एस. परशुराम ने छात्रों के आरोपों को खारिज किया है। उन्‍होंने कहा, ‘छात्र हमारे पास कार्यक्रम से सिर्फ दो दिन पहले आए थे। उसी दिन संस्‍थान के परिसर में पहले से ही तीन कार्यक्रम हो रहे थे। उसी वक्‍त एक और कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी जा सकती थी।’ टिस्‍स में सामाजिक परिदृश्‍य पर शोध और अध्‍ययन किया जाता है। साथ ही मौजूदा हालात पर भी नए सिरे से शोध किया जाता है।