नोएडा के सेक्टर 10 में अमलताश मार्ग (Amaltash Marg) का नाम बदल दिया गया है। अब इस मार्ग का नाम रामनाथ गोयनका मार्ग (Ramnath Goenka Marg) हो गया है। न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Noida) के शासी निकाय ने द इंडियन एक्सप्रेस अखबार के संस्थापक के नाम पर नोएडा के सेक्टर 10 में अमलताश मार्ग का नाम बदल दिया है। यहीं पर द इंडियन एक्सप्रेस का कार्यालय (The Indian Express office) भी स्थित है।

प्राधिकरण ने 28 फरवरी को इस संबंध में एक आदेश जारी किया। इसके संबंध में विशेष कार्य अधिकारी इंदु प्रकाश सिंह (Indu Prakash Singh) ने कहा, “औद्योगिक विकास खंड 04 (Industrial Development Section-04) से प्राप्त पत्र के संदर्भ में शासी निकाय ने अमलताश मार्ग का नाम बदलने का निर्णय लिया है। नोएडा के सेक्टर 10 में अमलताश मार्ग का नाम बदलकर रामनाथ गोयनका मार्ग (द इंडियन एक्सप्रेस कार्यालय के सामने) तत्काल प्रभाव से किया जाता है।”

आदेश की एक प्रति प्लानिंग के महाप्रबंधक को भी भेजी की गई है ताकि नाम परिवर्तन नोएडा मास्टर प्लान में परलक्षित हो। 1904 में दरभंगा (Darbhanga) में जन्मे रामनाथ गोयनका समाचार पत्र व्यवसाय सीखने के लिए चेन्नई गए। 1932 में द इंडियन एक्सप्रेस को लॉन्च किया गया था और उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि यह एक ऐसा अखबार बने जो निडर, विश्वसनीय और पूरी तरह से स्वतंत्र हो। उन्होंने इसकी टैगलाइन ‘जर्नलिज्म ऑफ करेज’ (Journalism of Courage) रखी और वह चाहते थे कि यह इसपर खरा उतरे।

1975-77 के आपातकाल (1975-77 Emergency) के दौरान मूल अधिकारों के निलंबन का विरोध करने पर रामनाथ गोयनका स्वतंत्र प्रेस के प्रतीक बन गए। सेंसर किए गए संपादकीय के बजाय एक खाली संपादकीय प्रकाशित करने का उनका निर्णय तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार (Indira Gandhi government) के लिए एक शक्तिशाली अनुस्मारक बन गया। इससे संदेश गया कि द इंडियन एक्सप्रेस नागरिकों के जानने के अधिकार के लिए प्रतिबद्ध रहेगा, चाहे परिणाम कुछ भी हो।

1988 में रामनाथ गोयनका ने प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए राजीव गांधी सरकार (Rajiv Gandhi government) द्वारा लाए गए मानहानि विधेयक (Defamation Bill) का विरोध करने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने विरोध करने के बाद इस प्रस्तावित कानून को बाद में वापस ले लिया गया था। 1991 में रामनाथ गोयनका का निधन हो गया।