केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली में तीसरा रिंगरोड (Ringroad) दिसंबर तक बन जायेगा। उन्होंने बताया कि इस रिंग रोड पर 27 फ्लाईओवर, 26 छोटे पुल और 17 पैदल सबवे होगा। यह रिंगरोड 6 लेन का होगा।
8,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बन रही सड़क, 75 किमी तक लंबी है। यह सड़क NH-1 को द्वारका और बहादुरगढ़ से जोड़ेगी और पश्चिमी सीमा के साथ एक रिंग रोड बनाएगी। एनएच-1 चौराहे से शुरू होकर यह कंझावला, नांगलोई, नजफगढ़, द्वारका सेक्टर 24, बवाना और सोनीपत बाईपास इलाके से होते हुए जाएगी। सड़क का एक हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग को बहादुरगढ़ बाईपास और ढीचांव कलां से भी जोड़ेगा।
नितिन गडकरी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों के साथ निरीक्षण के बाद मीडिया को बताया कि अर्बन एक्सटेंशन रोड या राष्ट्रीय राजमार्ग 344 MPN हरियाणा और पंजाब के शहरों से यात्रियों को 20-30 मिनट के भीतर दिल्ली हवाई अड्डे तक ले जाएगा। यह सफर अब तक दो घंटे में पूरा होता था।
नितिन गडकरी ने कहा, “UER II दिल्ली की जीवन रेखा होगी क्योंकि हम शहर में तीसरी रिंग रोड बना रहे हैं। पिछले मार्गों और प्रमुख सड़कों ने दिल्ली के लिए कई समस्याएं पैदा की हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, यूपी, कश्मीर और अन्य राज्यों के लोगों को पश्चिमी या दक्षिणी राज्यों में जाने के लिए दिल्ली की सड़कों का उपयोग करना पड़ता है। UER II के साथ हम दिल्ली की सड़कों से सभी उत्तर और पश्चिम यातायात को मोड़ देंगे। यह शहर की सड़कों पर यातायात को आसान बनाने में मदद करेगा और प्रदूषण को भी कम करेगा क्योंकि ज्यादातर व्यावसायिक वाहन इन मार्गों पर चलते हैं। रोहतक, सोहना, पानीपत, हापुड़ और अन्य शहरों से प्रतिदिन 1 लाख से अधिक वाणिज्यिक वाहन दिल्ली आते हैं।”
जबकि NHAI ने अक्टूबर 2023 की समय सीमा निर्धारित की थी, लेकिन नितिन गडकरी ने कहा कि यह दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। अब तक 57 फीसदी काम पूरा हो चुका है। नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली में गाजीपुर और अन्य लैंडफिल के कचरे का उपयोग करके सड़कों का निर्माण किया गया है। वर्तमान में अधिकारियों ने लैंडफिल से लगभग 20 लाख टन कचरे का उपयोग किया है। कचरे को अलीपुर और कराला में निर्माण स्थल के पास सूक्ष्म संयंत्रों में संसाधित किया जाता है।