Bihar News: बिहार के पूर्णिया जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। टेटमा गांव के एक आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को जादू-टोने के शक में जलाकर मार डाला। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मंगलवार को कहा कि पिछले डेढ़ साल में कम से कम पांच बच्चों की मौत और पिछले हफ्ते हुई एक मौत की वजह से यह हो सकता है। हालांकि, पुलिस ने यह भी काह कि यह एक बेहद ही गंभीर मामला था।

मरने वालों की पहचान दिहाड़ी मजदूर बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, उनके बेटे मंजीत कुंअर और बहू रानी देवी व बाबूलाल की मां कातो देवी के तौर पर हुई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस इस गांव में उरांव और अन्य आदिवासी समुदाय के लोग भी रहते हैं। पुलिस ने अभी तक इसमें मुकुल ओरांव, छोटू ओरांव और सनाउल्लाह को अरेस्ट कर लिया है।

पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें 150 लोगों की अज्ञात भीड़ का भी जिक्र किया गया है। एक गांव के व्यक्ति ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘पिछले डेढ़ साल में कम से कम पांच बच्चों की मौत हो चुकी है और ग्रामीणों को शक है कि यह सीता देवी द्वारा किए गए जादू-टोने के कारण हुआ है।’ अभी पूरा गांव सुनसान ही नजर आ रहा है।

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हमारे घरों में आग लगा दी – बाबूलाल के भाई

बाबूलाल के भाई जितेंद्र ने बताया, ’21 आदिवासी परिवारों वाले एक गांव में, 18 परिवारों के सदस्यों ने हमारे तीन परिवारों को धारदार हथियारों से निशाना बनाया। हमले के बाद, उन्होंने हमारे घरों में आग लगा दी। हम तो बच गए, लेकिन बाबूलाल का एक लड़के को छोड़कर पूरा परिवार आग में फंस गया और मर गया।’ उन्होंने कहा कि आस-पास की बस्तियों के लोग उन्हें बचाने नहीं आए।

यह घटना अंधविश्वास का नतीजा – अंशुल कुमार

मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचे पूर्णिया के जिला मजिस्ट्रेट अंशुल कुमार ने कहा, ‘यह घटना लोगों में अंधविश्वास का नतीजा है। इससे पता चलता है कि हमें इन आदिवासी इलाकों में साक्षरता और जागरूकता की कमी को दूर करने की जरूरत है।’ पूर्णिया सदर सब डिवीजन पुलिस ऑफिसर पंकज कुमार शर्मा ने कहा, ‘हमारी अब तक की जांच से पता चला है कि यह घटना कथित जादू-टोने को लेकर विवाद के कारण हुई थी।’ बिहार के पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या