DK Shivakumar Vs Siddaramaiah: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार में सबकुछ सही नहीं चल रहा है, डीके शिवकुमार और सीएम के अलग-अलग खेमे अपनी तरफ से सत्ता परिवर्तन के दावे करने लगे हैं। इसके ऊपर कुछ नेता अपनी ही सरकार को घेरने का काम भी कर रहे हैं। किसी को भ्रष्टाचार से शिकायत है तो किसी को विकास के आभाव से नाराजगी है। इसके ऊपर मीडिया के सामने क्योंकि बयानबाजी हो रही है, ऐसे में सारी सियासी खींचातन पब्लिक के सामने आ चुकी है।

सुरजेवाला करेंगे संकट दूर

अब इस बीच कांग्रेस के जनरल सेकरेट्री रणदीप सुरजेवाला बेंगलुरु आने वाले हैं। वे दो दिन के दौरे के दौरान कई बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे, सरकार में पक रही सियासी खिचड़ी को समझेंगे और चिंताओं को दूर करने का प्रयास भी रहेगा। अब सुरजेवाला को भी कर्नटाक में इसलिए आना पड़ रहा है क्योंकि पिछले एक हफ्ते में कई ऐसे बयान सामने आए हैं जिसने कांग्रेस सरकार की ही फजीहत करवा दी है।

आखिर क्यों परेशान कांग्रेस के नेता?

एक तरफ बीआर पाटिल हाउसिंग डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है तो वहीं विधायक राजू कागे ने चरमरा चुकी प्रशासनिक व्यवस्था का मुद्दा उठाया है। इसके ऊपर कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन का सत्ता परिवर्तन को लेकर दिया गया बयान भी सियासी हलचल पैदा कर चुका है। एक बयान में उन्होंने कहा था कि हाईकमान के मन में कुछ तो बड़ा चल रहा है, पूरी संभावना है कि सत्ता परिवर्तन हो सकता है।

सिद्धारमैया से कुर्सी छीनेगा कांग्रेस हाईकमान?

डीके को सीएम बनाने की कवायद?

अब इकबाल क्योंकि डीके शिवकुमार के समर्थक हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि वे उन्हें सीएम बनाने की कवायद में लग चुके हैं। उनकी तरफ से कांग्रेस हाईकमान को याद दिलाया जा रहा है कि ढाई-ढ़ाई साल के फॉर्मूले पर बात हुई थी, ऐसे में अब डीके शिवकुमार को ही सीएम बनना चाहिए। लेकिन सीएम सिद्धारमैया के समर्थक ऐसे किसी भी फॉर्मूले को मानने से इनकार कर रहे हैं, खुद मुख्यमंत्री के बेटे को भरोसा है कि पिता पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।

हाईकमान की चेतावनी

अब बताया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान इस तरह की बयानबाजी से खुश नहीं है और इसी वजह से सुरजेवाला के जरिए ऐसे तमाम नेताओं को अब चेतावनी दी जाएगी, पब्लिक में ऐसे बयान देने से बचने की नसीहत रहेगी। बताया जा रहा है कि कुछ नेताओं से तो सुरजेवाला अकेले में भी बातचीत करने जा रहे हैं। ऐसे में हर तरीके से बातचीत के जरिए, आपसी तालमेल बैठाकर इस संकट को दूर करने की कोशिश होगी।

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