उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर का तहखाना कई सालों बाद फिर से खुलने जा रहा है। 54 साल बाद ऐसा मौका आ रहा है जब बांके बिहारी मंदिर के तहखाने को आम लोगों के लिए खोला जाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 11 सदस्यीय कमेटी इस तहखाने को खोलेगी। तहखाने में जो भी सामान मिलेगा, उसकी बाकायदा सूची तैयार की जाएगी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद तहखाना फिर से सील कर दिया जाएगा।
तहखाने का राज क्या है?
जानकारी के मुताबिक, इस तहखाने के अंदर हीरे-जवाहरात और सोना-चांदी जैसी मूल्यवान वस्तुएं मिल सकती हैं। इससे पहले 1971 में इस तहखाने को खोला गया था और बाद में सील कर दिया गया था। इतने सालों में इसे दोबारा कभी नहीं खोला गया। ऐसी मान्यता है कि इस तहखाने की रक्षा स्वयं शेषनाग करते हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे धनतेरस के पावन अवसर पर दोबारा खोला जा रहा है।
कमेटी में कौन-कौन शामिल?
गठित 11 सदस्यीय कमेटी में रिटायर्ड जज अशोक कुमार, सिविल जज (जूनियर डिवीजन) शिप्रा दुबे, नगर सिटी मजिस्ट्रेट, मंदिर के अकाउंटिंग ऑफिसर, एसपी और जिलाधिकारी शामिल हैं।
कितना पुराना है तहखाना?
माना जाता है कि बांके बिहारी मंदिर के तहखाने में करीब 160 साल पुराना खजाना मौजूद है। इस समय हर श्रद्धालु यह जानना चाहता है कि आखिर उस खजाने में ऐसा क्या खास है। लोगों में इस बात को लेकर भी दिलचस्पी है कि तहखाने के अंदर मौजूद वस्तुओं की वर्तमान कीमत आखिर कितनी होगी।