टेरी यूनिवर्सिटी ने 8वें सालाना दीक्षांत समारोह में 185 पोस्ट ग्रेजुएट और 16 डॉक्टरेट की डिग्री बांटी। तीन वैश्विक हस्तियों को डॉक्टरेट की मानद डिग्री भी दी गयी। इस मौके पर टेरी यूनिवर्सिटी की वाईस चांसलर डॉक्टर लीना श्रीवास्तव ने युवाओं से पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आगे आने और टिकाऊ तरीकों से विकास व पर्यावरण के बीच संतुलन कायम करने में अपना योगदान देने का आह्वान किया। प्रो वाईस चांसलर डॉ राजीव सेठ ने डिग्री लेने वाले छात्रों से अपील की कि वे सस्टेनेबिलिटी को लेकर भारत की प्राचीन परंपरा, जिसके तहत प्रकृति और उसके सभी तत्वों के बीच संतुलन कायम रखते हुए जीने की परंपरा रही है, को मजबूत करने में योगदान देने के लिए खुद को तैयार करें।
दीक्षांत समारोह में 185 छात्रों को मास्टर्स और 16 को डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में पब्लिक पॉलिसी एंड सस्टेनेबल डेवलॅपमेंट (PPSD) में एमए, सस्टेनेबल डेवलॅपमेंट प्रैक्टिसेज (SDP), इनवायरमेंटल स्टडीज एंड रिसोर्स मैनेजमेंट (ESRM), जियोइन्फार्मेटिक्स, प्लांट बायोटेक्नोलॉजी (PBT), क्लाइमेट साइंस एंड पालिसी (CSP), और इनवायरमेंटल एंड रिसोर्स इकोनॉमिक्स में एमएससी; रीन्यूएबल एनर्जी इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (REEM) और अर्बन डेवलॅपमेंट एंड मैनेजमेंट (UDM) में एमटेक; और इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट और बिज़नेस सस्टेनेबिलिटी में एमबीए की डिग्री प्रदान की गई।
टेरी यूनिवर्सिटी से अब तक करीब 1100 पोस्ट ग्रेजुएटस् और 70 पीएचडी डिग्री धारक निकले हैं।यूनिवर्सिटी ख्यातिप्राप्त हस्तियों के वैश्विक योगदान का भी उन्हें डॉक्टर ऑफ़ फिलोसॉफी की मानद उपाधि प्रदान कर सम्मान करता है। इस साल यह सम्मान तीन शख्सियतों को दिया गया है, जो टिकाऊ विकास के लिए शिक्षा, ग्रीन हाउस गैस कटौती और लैंगिक समानता आदि जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं।
सम्मान पाने वालों में सर्वप्रथम नाम आता है प्रोफेसर शिजेओ कात्सु का। वह नजरबायेव यूनिवर्सिटी, कजाकस्तान के प्रेजिडेंट हैं। वह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भी थे। वह नई तरह की पब्लिक यूनिवर्सिटी के जरिये वैश्विक विकास के लिए भावी नेता तैयार करने के मकसद से सस्टेनेबिलिटी से जुड़े गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन तैयार करने पर जोर दे रहे हैं। प्रोफेसर कात्सु नजरबायेव यूनिवर्सिटी को मध्य यूरेशिआई क्षेत्र का महत्वपूर्ण आकर्षण और उच्च शिक्षा में सुधार व आधुनिक शोध का मॉडल संसथान बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं। श्री कात्सु ने जलवायु परिवर्तन पर काम करने के अपने देश के फैसले में योगदान दिया है और देश के कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने व ऊर्जा के पुनर्नवीकरण करने लायक और वैकल्पिक स्रोतों के विकास के लिए काम किया है।
को-फॉउंडर और अब लन्दन स्थित सिंडिकेटम सस्टेनेबल रिसोर्सेज के ग्रुप सीईओ अस्साद वज्दी रज़्ज़ाक को भी डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई।
इस बार मानद उपाधि पाने वाली तीसरी हस्ती डॉ पेट्री टालास हैं। वह वर्ल्ड मेटेरोलोजिकल ऑर्गेनाईजेशन (WMO) के सेक्रेटरी जनरल हैं। जलवायु परिवर्तन को लेकर हुए पेरिस समझौते को अमलीजामा पहनाने के लिए संगठन के फोकस और इसमें उनकी भूमिका के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है।