तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखऱ राव की मानी जाए तो बादलों के फटने की घटना के साथ मूसलाधार बरिश में किसी विदेशी ताकत का हाथ है, जो भारत को अस्थिर करने के लिए की गई है। उनका मानना है कि पहले लेह लद्दाख, फिर उत्तराखंड और अब तेलंगाना का भद्राचलम का इलाका इस बात का सबूत है।

रविवार को वो भद्राचलम इलाके में राहत कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे। गोदावरी नदी में उफान के चलते यहां हालात बेकाबू हो चले हैं। हजारों की तादाद में लोगों को रिलीफ कैंपों में शिफ्ट किया गया है। सीएम ने अफसरों को हिदायत दी कि पानी के उतरने तक वो आराम से न बैठे। लोगों की सेहत की देखभाल का काम प्राथमिक स्तर पर हो। आपदा बड़ी है इसलिए राहत कार्य तेजी से चलाए जाएं। उनका कहना है कि ये कुदरत का करिश्मा ही है जो कदेम बांध इतनी तेज बारिश में भी डटा हुआ है।

तेलंगाना में इस तरह का मंजर 1986 के बाद देखने को मिला है। कदेम डैम की क्षमकता 2.80 लाख क्यूसेक पानी को रोकने की है। लेकिन इस बार पानी की मात्रा 5 लाख क्यूसेक तक पहुंच चुकी है। लेकिन फिर भी बांध अपनी जगह पर डटा हुआ है। उनका कहना था कि ये भगवान का चमत्कार है कि इतनी बाढ़ में भी किसी की जान को नुकसान नहीं पहुंचा। राव पहले बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण करने वाले थे लेकिन फिर वो हेलीकॉप्टरके जरिए वारंगल पहुंचे और फिर उसके बाद सड़क मार्ग से जायजा लेने निकले।

केसीआर ने गोदावरी ब्रिज से उमड़ते पानी का जायजा भी लिया। इस दौरान उन्होंने वायदा किया कि लोगों के लिए ऊंची जगह पर वो एक कालोनी बनवाएंगे। सभी लोगों को वहां शिफ्ट किया जाएगा। सरकार 1000 करोड़ रुपये इसके लिए खर्च करेगी। सीएम का कहना था कि एक बार पानी उतर जाए फिर वो अपनी टीम भेजकर सर्वे कराएंगे कि कालोनी कहां पर बनाई जा सकती है। उनका कहना था कि प्रशासन को चाहिए कि वो लोगों के दुख में भागीदार बने। उनकी हर तरह से मदद की जाए। किसी को कोई परेशानी हो तो सरकारी मुलाजिम तत्काल हाजिर हो।