Hyderabad shamshabad masjid: तेलंगाना के हैदराबाद से सटे शमशाबाद में 2 अगस्त को मस्जिद गिराए जाने से भारी बवाल मचा है। बता दें कि मस्जिद-ए-ख्वाजा महमूद को गिराए जाने को लेकर मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि यह सोची समझी कार्रवाई है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की इजाजत के बिना यह संभव नहीं था।

इस मस्जिद पर बुलडोजर चलने को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने आरोप लगाया है कि केसीआर ने हिंदू वोट की लालच में ऐसा कदम उठाया है। हालांकि ओवैसी ने अभी तक इसपर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन उनकी पार्टी के विधायक कौसर और पार्टी समर्थकों ने 3 अगस्त, बुधवार को मस्जिद की जगह पर नमाज़ पढ़ी और प्रदर्शन किया। बवाल बढ़ता देख पुलिस ने एतिहातन इलाके में धारा 144 लगा दी और उन्हें हिरासत में ले लिया।

इंडिया टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक शमशाबाद में गिराई गई मस्जिद तीन साल पहले बननी शुरू हुई थी। यहां दो साल से नमाज पढ़ी जा रही थी। बता दें कि इस इलाके में 2016 में नगर निगम ने ग्रीन एवेन्यू कॉलोनी को डेवलप करने का काम शुरू किया था। इस कॉलोनी में 95 फीसदी मुस्लिम और 5 फीसदी हिंदुओं ने जगह ली थी। बाद में इस जगह पर मस्जिद का निर्माण होने लगा और नमाज पढ़ी जाने लगी।

इसको लेकर विशाल सिंह नाम के एक शख्स ने नगर निगम में शिकायत की कि मस्जिद गैर कानूनी है। मामला अदालत में पहुंचा तो नगर निगम ने जांच के बाद मंगलवार को रात तीन बजे भारी फोर्स की मौजूदगी में बुलडोजर से मस्जिद को ढहा दिया गया। इसके विरोध में हैदराबाद में हजारों लोगों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं मस्जिद बचाओ तहरीक के अध्यक्ष अमजदुल्लाह खान ने आरोप लगाया कि यह सब सोची समझी साजिश के तहत हुआ है।

खान ने कहा, “मुख्यमंत्री केसीआर की मंजूरी के बिना इतनी बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकती। एक तरफ केसीआर कहते हैं कि हम बीजेपी के खिलाफ हैं, और खुद को मुस्लिमों को दोस्त बताते हैं को दूसरी तरफ सत्ता में आने के बाद केसीआर शासन में 9 मस्जिदों को तोड़ा गया है।” मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि हिंदू वोट के खातिर इस तरह की कार्रवाई हुई है। खान ने कहा कि के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार योगी आदित्यनाथ के “बुलडोजर राज” की तरह काम कर रही है।