तेलंगाना के श्रम मंत्री एम मल्ला रेड्डी के काफिले पर रविवार ( 29 मई, 2022) को हमला हुआ। उनके काफिले पर पत्थरों, जूतों और कुर्सियों से हमला किया गया। हमला उस वक्त हुआ जब मंत्री रेड्डी अपने ही समुदाय की एक बैठक में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की प्रशंसा कर रहे थे। इसके बाद उनको बैठक छोड़नी पड़ी। घटना के बाद टीआरएस के कुछ नेताओं ने इस मामले की शिकायत की थी। जिसके बाद कांग्रेस के दो स्थानीय नेताओं और उनके समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
बता दें, जैसे ही मंत्री ने सीएम की प्रशंसा के कसीदे पढ़े कुछ लोग मंच की ओर दौड़ पड़े और उनसे अपना भाषण रोकने को कहा। कांग्रेस के एक नेता ने उनसे सरकार की प्रशंसा करना बंद करने और समुदाय की भलाई के लिए सरकार की मंशा पर बोलने के लिए कहा।
हंगामे के बीच मल्ला रेड्डी ने अपना भाषण रोक दिया और आयोजकों की अपील के बाद भाषण फिर से शुरू किया, लेकिन मंत्री ने सरकार की प्रशंसा करना जारी रखा। बैठक में शामिल लोगों ने उनको बाधित किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की। नाराज लोगों ने ‘मल्ला रेड्डी डाउन डाउन’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। मौजूद लोगों का गुस्सा भांपते हुए सुरक्षा कर्मियों और कार्यक्रम स्थल पर मौजूद पुलिस ने मंत्री को घेर लिया और उनको मंच से हटा दिया।
इसके बाद जैसे ही मंत्री रेड्डी का काफिला कार्यक्रम स्थल से आगे बढ़ा तो गुस्साए लोग पत्थर, जूते और कुर्सियां फेंकना शुरू कर दिया। उनमें से कुछ ने मंत्री की गाड़ी का पीछा भी किया। मंत्री की इस बैठक में राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता भी शामिल थे।
रेड्डीज की संयुक्त कार्रवाई समिति ने मांग की कि मुख्यमंत्री 5,000 करोड़ रुपये के साथ रेड्डी आयोग का गठन करने के अपने चुनावी वादे को पूरा करें। बता दें कि मल्ला रेड्डी ने इस हमले के लिए राज्य कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी को दोषी ठहराया है। मंत्री ने कहा कि वह रेवंत रेड्डी के गलत कर्मों पर सवाल उठा रहे थे, इसलिए उन्होंने अपने समर्थकों के माध्यम से हमले को अंजाम दिया।