लालू प्रसाद यादव के परिवार और पार्टी में इन दिनों सबकुछ सही नहीं चल रहा है। दरअसल बिहार सरकार के एक मंत्री ने खुलासा किया है कि लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और उनकी गैरमौजूदगी में पार्टी का कामकाज संभाल रहे तेजस्वी यादव ने पार्टी के सामने अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव को पार्टी से निकालने की शर्त रख दी है। जी न्यूज की एक खबर के अनुसार, बिहार सरकार में श्रम मंत्री विजय सिन्हा का दावा है कि उनके एक सूत्र ने उन्हें यह जानकारी दी है। वहीं मंत्री के इस खुलासे के बाद से बिहार की राजनीति में अफवाहों का दौर शुरु हो गया है। हालांकि राजद ने इस दावे को नकार दिया है।
बता दें कि हालिया लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल का प्रदर्शन बेहद बुरा रहा था। नतीजों के बाद तेजस्वी यादव काफी समय तक बिहार की राजनीति से नदारद रहे। इतना ही नहीं तेजस्वी यादव सोशल मीडिया पर भी गायब रहे। हाल ही में तेजस्वी यादव ने छुट्टियों से लौटे हैं, लेकिन तेजस्वी राज्य विधानसभा की बैठकों में अभी भी नहीं पहुंचे हैं। गौरतलब है कि चमकी बुखार के चलते हुई मौतों के कारण राजद इन दिनों बिहार की जदयू सरकार को विधानसभा में घेरने का प्रयास कर रही है, लेकिन पार्टी के नेता का विधानसभा से नदारद रहना कई लोगों को अखर रहा है।
अब बिहार सरकार में मंत्री विजय सिन्हा ने दावा किया है कि तेजस्वी यादव ने पार्टी के सामने शर्त रखी है कि वह तभी पार्टी के कामकाज में शामिल होंगे, जब तेजप्रताप यादव को पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इसी के चलते तेजस्वी विधानसभा नहीं पहुंच रहे हैं। वहीं खबर के अनुसार, राजद नेताओं ने इस दावे को नकार दिया है और उनका कहना है कि विपक्षियों द्वारा अफवाहें उड़ायी जा रही हैं, जिनका कोई आधार नहीं है। जब इस बारे में राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी से सवाल किए गए तो उन्होंने इस पर कोई भी कमेंट करने से इंकार कर दिया। बता दें कि लोकसभा चुनावों के दौरान तेजप्रताप यादव ने एक अलग राजनैतिक मोर्चे का गठन किया था। इस मोर्चे को लालू-राबड़ी मोर्चा नाम दिया गया था। तेजप्रताप यादव ने आरोप लगाया था कि उन्हें पार्टी में दरकिनार किया जा रहा है। इतना ही नहीं तेजप्रताप यादव ने कुछ सीटों पर राजद उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार भी उतारे थे।