बिहार चुनाव में एनडीए ने अप्रत्याशित जीत दर्ज की, वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन की हार के बाद से ही लालू परिवार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। रोहिणी आचार्य और तेजस्वी यादव के बीच हुए विवाद के बाद से ही राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। अब तेज प्रताप यादव ने मोदी सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेज प्रताप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बिहार सरकार से इस मामले में जांच की मांग की है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि अगर उनके माता–पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के साथ किसी भी तरह का मानसिक उत्पीड़न हो रहा है, तो निष्पक्ष और सख्त जांच जरूरी है।
इससे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर तेज प्रताप ने अपनी नाराज़गी व्यक्त की थी। उन्होंने लिखा था कि “हमारी रोहिणी दीदी के साथ जो दुर्व्यवहार जयचंद द्वारा किया गया है, इस घटना ने मुझे अंदर तक झकझोर दिया है। मेरे साथ जो हुआ, वह मैं सहन कर गया, लेकिन मेरी बहन के साथ अगर अपमान हुआ, तो उसे किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा। सुन लो जयचंद! परिवार पर वार करोगे तो बिहार की जनता तुम्हें कभी माफ़ नहीं करेगी।”
जानकारी के लिए बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी तेजस्वी यादव की कोर टीम के कामकाज से संतुष्ट नहीं थे। इसी वजह से 15 नवंबर की दोपहर तेजस्वी यादव और रोहिणी आचार्य के बीच बहस शुरू हो गई। बहस के दौरान रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी की चुनावी रणनीति पर गंभीर सवाल उठाए। उनका आरोप था कि तेजस्वी लगातार संजय यादव और उनकी टीम के सुझावों पर चलते रहे, इसलिए हार की जिम्मेदारी भी उन्हें ही लेनी चाहिए।
जब तेजस्वी ने इस आरोप पर नाराज़गी जताई, तो रोहिणी ने पलटकर कहा कि चुनाव का पूरा कंट्रोल तेजस्वी के ही पास था, इसलिए जिम्मेदारी से भागा नहीं जा सकता। आज तक की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बहस के दौरान रोहिणी ने संजय यादव के साले सुमित का जिक्र किया।
सुमित, तेजस्वी का पीए था और इसी को लेकर रोहिणी ने सवाल उठाए। कहा जा रहा है कि इन्हीं तीखे आरोपों के बीच तेजस्वी भड़क गए और स्थिति चप्पल उठाने तक पहुंच गई।
जब मामला बिगड़ने लगा तो मीसा भारती ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला। कहा जा रहा है कि इस तकरार के बाद रोहिणी आचार्य तुरंत घर छोड़कर निकल गईं। राबड़ी देवी ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन रोहिणी तेजस्वी से बेहद नाराज़ थीं, इसलिए उन्होंने अलग जाना ही बेहतर समझा।
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