Digital Attendance: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस आज से शुरु हो गई है। पर इस सिस्टम को लेकर टीचरों में अच्छा-खासा गुस्सा दिखाई दे रहा है। टीचर्स ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर काम किया। पहले दिन प्रदेश भर में केवल 6 शिक्षकों ने ही डिजिटल अटेंडेंस लगाई। राज्य में 6 लाख से ज्यादा बेसिक टीचर है। बता दें कि स्कूलों में टीचर्स और दूसरे कर्मचारियों को अटेंडेंस सुबह 7.45 बजे से 8 बजे तक लगानी है। हालांकि, अब इसका समय बढ़ाकर 8.30 कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में टीचर्स अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस मामले में टीचर्स का कहना है कि सरकार का ये आदेश पूरी तरह से अव्यवहारिक है। इसी के साथ शिक्षकों ने मांग कर दी है कि सरकार पुरानी पेंशन समेत शिक्षकों की सभी लंबित मांगे मान ले तो शिक्षक इस नई व्यवस्था को स्वीकार कर लेंगे। सहारनपुर, प्रयागराज, अलीगढ़, गोंडा, झांसी समेत सभी जगहों पर टीचर्स ने विरोध प्रदर्शन किया है।

विभाग ने 30 मिनट का बढ़ाया टाइम

नाराज शिक्षकों को शांत करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी पोस्ट में लिखा गया है कि आपकी परेशानी से हम वाकिफ हैं, आप 30 मिनट बाद भी अपनी अटेंडेंस लगा सकते हैं। परिषदीय विद्यालयों के डिजिटल सिग्नेचर के आदेश दिए जा चुके हैं। लेकिन अब तय समय से 30 मिनट बाद भी हाजिरी लगाने का मौका है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। स्कूल देर से पहुंचने की वजहें जरूर बताना होगी।

टीचर्स की क्या हैं समस्याएं

टीचर सोशल मीडिया पर इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उन्हें कई तरह से नुकसान होगा। उन्होंने दावा किया कि नियमों के अनुसार उन्हें सुबह 7:30 बजे तक अपने स्कूल पहुंचना होता है और अपनी कक्षाएं शुरू होने से पहले सुबह 7:45 से 8 बजे के बीच अपनी अटेंडेंस लगानी होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि दूरदराज के गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी अच्छी नहीं है और ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज करने में टाइम लगता है। कई स्कूल दूरदराज के इलाकों में मौजूद हैं और बारिश के मौसम में पानी से घिरे रहते हैं। इसलिए अगर कोई टीचर देरी से आता है, तो उसको अबसेंट मान लिया जाता है और उसकी छुट्टी काट ली जाती है। हालांकि, टीचर्स की परेशानी को देखते हुए विभाग ने तय किए गए टाइम से 30 मिनट तक अटेंडेंस लगाने की सुविधा दी है।