मलयालम लेखक और थिएटर एक्टिविस्ट कमल सी चावरा उर्फ कमलसी प्राण को पुलिस ने कथित रूप से राष्ट्रगान का अपमान करने पर आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया है। चावरा के खिलाफ करुनागलपल्ली पुलिस स्टेशन में कुछ दिनों पहले मामला दर्ज कराया गया था। उसके बाद उन्हें कोझिकोड से हिरासत में लिया गया। कोझिकोड नॉर्थ असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर पृथ्वीराज ने बताया, ‘उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 124 (ए) (राजद्रोह) का मामला दर्ज किया गया है। उन्हें जल्द ही करूनागलपल्ली पुलिस को सौंप दिया जाएगा।’
सब इंस्पेक्टर राजेश ने बताया, ‘करूनागलपल्ली पुलिस को कमल की फेसबुक पोस्ट को लेकर एक कॉल आई थी। हमने इसे चेक किया और उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया।’ भाजपा की यूथ विंग युवा मोर्चा की शिकायत के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। युवा मोर्चा ने उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने राष्ट्रगान का अपमान करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी थी।
कमल के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक पोस्ट में उनके उपन्यास ‘स्मेशअनंगलुडे नोटपुस्तकम’ का एक अंश था। यह उपन्यास एक अग्रणी पब्लिशिंग हाउस द्वारा प्रकाशित किया गया था। कमल रविवार को उनकी गिरफ्तारी से पहले कोर्ट से अग्रिम जमानत की तैयारी कर रहे थे। कमल की गिरफ्तारी का काफी विरोध किया जा रहा है।
बता दें, इस महीने की शुरुआत में छह लोगों को इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि वे थिएटर में एक फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजने के वक्त खड़े नहीं हुए थे। इनमें एक महिला भी शामिल है। यह घटना तिरुवंनतपुरम इंटरनेशन फिल्म फेस्टिवल की थी।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर को कहा था कि सिनेमा घर में किसी भी फिल्म के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाया जाना जरूरी होगा। साथ ही कहा गया था कि उस दौरान खड़ा होना भी जरूरी होगा। सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के जरूरी होने के बाद से दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
