तमिलनाडु में 45 वर्ष का एक व्यक्ति राज्य सरकार से इच्छामृत्यु की मांग कर रहा है। कोयंबटूर के रहने वाले इस व्यक्ति ने इच्छामृत्यु की मांग करने के साथ ही अंगदान करने की भी बात कही है। पेशे से पेंटर इस शख्स के शरीर का नीचे का हिस्सा काम नहीं करता, जिसके कारण उसे काफी परेशानी होती है। दरअसल कुछ समय पहले यह व्यक्ति एक बिल्डिंग से गिर गया था, तब से ही उसके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक फिलहाल यह शख्स व्हीलचेयर के सहारे जी रहा है। वह इच्छामृत्यु के साथ ही अपनी आंख और कुछ अन्य हिस्सों को दान भी करना चाहता है।
वहीं अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने निष्क्रिय इच्छामृत्यु के एक केस में ‘लिविंग विल’ को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस केस में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा था कि शांति से मरने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ही आएगा, जो कि आपके जीवन की सुरक्षा की बात करता है। इस मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने सुनवाई की थी। केंद्र सरकार ने निष्क्रिय इच्छामृत्यु केस में ‘लिविंग विल’ का विरोध करते हुए कहा था कि लोग इसका गलत इस्तेमाल करने लगेंगे।
Tamil Nadu: 45-year-old man from Coimbatore seeks permission for euthanasia (mercy-killing). The man, who worked as a painter, fell from a building, after which his lower body stopped functioning; says he also wants to donate his eyes & other body parts. pic.twitter.com/8Mv14mM9cl
— ANI (@ANI) November 13, 2017
‘लिविंग विल’ वो होता है जब कोई गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति इस बात का निर्णय ले कि उसे लाइफ सपोर्ट (जीवनरक्षक) के सहारे जीना है या नहीं। इस मामले में वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि अगर लोगों को इस मामले में निर्णय लेने की स्वीकृति दे दी जाए तो बीमार व्यक्ति बिना पीड़ा के मृत्यु का चयन करने के लिए सक्षम हो जाएगा। भूषण ने कहा था, ‘किसी बीमार व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध मेडिकल ट्रीटमेंट लेने के लिए दबाव डालना भी एक तरह का सामाजिक मुद्दा है। एक तरफ तो आपके पास चिकित्सा सुविधाओं की कमी है तो वहीं दूसरी ओर आप पीड़ा से जूझ रहे आशाहीन व्यक्ति के ऊपर ट्रीटमेंट लेने का दबाव डालते हैं।’