तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने सोमवार को विधानसभा में द्रमुक पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि कच्चातीवू द्वीप श्रीलंका को सौंपे जाने से रोकने के लिए करूणानिधि नीत पार्टी ने ‘‘कुछ नहीं किया’’ और वह द्वीप को वापस प्राप्त करने के लिए सभी कानूनी प्रयास करेंगी। द्रमुक सदस्य के पोनमुदी ने जयललिता के 1991 के आश्वासन का जिक्र किया कि कच्चातीवू को वापस हासिल किया जाएगा। द्रमुक सदस्य ने सवाल किया कि इस संबंध में क्या कार्रवाई की गयी है। इस पर उनके, जयललिता और विपक्ष के नेता एम के स्टालिन के बीच तीखी बहस हुयी।
जयललिता ने कहा कि इस मुद्दे पर द्रमुक को बोलने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि 1974 और 1976 के समझौतों के जरिए कच्चातीवू श्रीलंका को दे दिया गया जबकि उस समय द्रमुक अध्यक्ष एम करूणानिधि राज्य के मुख्यमंत्री थे। जयललिता ने सवाल किया, ‘‘वह (करूणानिधि) उस समय क्या कर रहे थे? क्या उन्होंने इसे रोकने के लिए कोई कदम उठाया या कोई आंदोलन किया?’’ उन्होंने कहा कि कच्चातीवू के संबंध में उनके रूख में कोई बदलाव नहीं आया है और इसे वापस हासिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे सभी प्रयास करती रहीं हैं जो कोई राज्य सरकार कर सकती है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि द्रमुक ने इस मुद्दे पर कोई कदम क्यों नहीं उठाया जबकि विगत में वह विभिन्न केंद्र सरकारों में शामिल थी। उन्होंने इस मुद्दे पर द्रमुक के ‘‘सोए रहने’’ और अब इसे सदन में उठाने पर अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी की तुलना एक अंग्रेजी कृति के बहुचर्चित पात्र ‘‘रिप वान विंकल’’ से की जो 20 साल तक नींद में रहता है।