डीएमके चीफ एम के स्टालिन ने पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी के बयान पर सख्त एतराज जताते हुए उनसे माफी की मांग की है। बेदी ने रविवार (30 जून, 2019) को ट्वीट कर तमिलनाडु सरकार को भ्रष्ट बताया था। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘चेन्नई में चार साल पहले जहां भारी बारिश से बाढ़ आई थी, वहीं अब यह देश का पहला सूखा शहर बन गया है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के संदर्भ में जनधारणा है कि यह स्थिति कुशासन, भ्रष्ट राजनीति और उदासीन नौकरशाही के कारण पैदा हुई।’

उपराज्यपाल के इस ट्वीट के बाद राज्यभर के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। सोमवार (1 जुलाई, 2019) को तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विपक्ष के नेता एम के स्टालिन को किरण बेदी के जल संकट से संबंधित बयान से जुड़े मुद्दे को उठाने देने की अनुमति नहीं देने पर द्रमुक विधायकों ने सोमवार को सदन से वाकआउट किया। द्रमुक ने कहा कि बेदी अपने बयान को लेकर माफी मांगें। पार्टी ने यह भी कहा कि उसने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से किरण बेदी को पद से हटाने का अनुरोध किया है।

मामले में डीएमके लीडर ने कहा, ‘तभी उसके कार्यालय की गरिमा बच सकेगी। तमिलनाडु के लोग दयालु और देशभक्त हैं।’ इस दौरान किरण बेदी के बयान की आलोचना करते हुए स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके के सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए। एमके स्टॉलिन ने कहा, ‘अगर उनके द्वारा राजनीतिक पार्टियों की आलोचना की जाती तो इसे बर्दाश्त किया जा सकता था, मगर उनकी टिप्पणी लोगों के खिलाफ थी।’ उन्होंने आगे कहा कि किरण बेदी ने जो कहा वो असभ्य था और तमिलनाडु की जनता का अपमान था। पुडुचेरी की उपराज्यपाल की टिप्पणी निंदनीय है। हम इसे किसी भी वजह से बर्दाश्त नहीं करेंगे।