तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के सत्तारूढ़ धड़े को करारा झटका लगा जब दरकिनार किए गए नेता टीटीवी दिनाकरण ने प्रतिष्ठित आरके नगर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 40 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। जेल में बंद वीके शशिकला के भतीजे दिनाकरण ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक के ई मधुसूदनन को 40 हजार 707 मतों के अंतर से हराया। इस सीट पर 21 दिसंबर को मतदान हुआ था। इस नतीजे के बाद दिनाकरण ने दावा किया कि अम्मा यानी जयललिता की राजनीतिक विरासत के असली उत्तराधिकारी वे ही हैं। इस सीट पर उपचुनाव की जरूरत पिछले साल दिसंबर में जयललिता के निधन की वजह से हुई। तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता उत्तर चेन्नई में आरके नगर सीट से विधानसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं। दिनाकरण की जीत का अंतर जयललिता से भी बेहतर रहा।
जयललिता ने इस विधानसभा सीट पर 2016 में 39 हजार 545 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। दिनाकरण को 89 हजार 13 मत मिले जबकि मधुसूदनन को 48 हजार 306 वोट मिले। द्रमुक के एन मरुथु गणेश 24 हजार 651 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। उनकी बाकी पेज 8 पर जमानत जब्त हो गई। उनके अलावा भाजपा प्रत्याशी समेत 57 अन्य की भी जमानत जब्त हो गई।दिनाकरण निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़े। उनका चुनाव चिह्न प्रेशर कुकर था क्योंकि चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले धड़े को ‘दो पत्तियां’ चुनाव चिह्न आवंटित की थी। दिनाकरण और शशिकला को पद से हटाने के बाद इस साल अगस्त में पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक के धड़ों का विलय हो गया था। शशिकला भ्रष्टाचार के एक मामले में बंगलुरु की एक जेल में चार साल के कारावास की सजा काट रही हैं।
जयललिता के निधन से खाली हुई चेन्नई की आरके नगर सीट पर अपना उम्मीदवार उतार कर भाजपा ने अपनी जगहंसाई कराई है। यहां उसके उम्मीदवार करु नागराजन को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। इससे पहले दिनाकरण और अन्नाद्रमुक के उम्मीदवार ई मधुसूदनन के समर्थकों के बीच कथित झड़प के बाद आरके नगर विधानसभा सीट उपचुनाव की मतगणना अस्थायी रूप से बाधित हुई। एक वरिष्ठ निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि झड़प के कारण अवरोध पैदा हुआ। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर अपने मतगणना एजंटों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया।