चेन्नई के बहादुर पुलिस वाले ने जान पर खेलकर 28 साल की महिला की जान बचा ली। महिला सुबह 8.55 बजे अपनी ट्रेन को पकड़ते हुए करीब—करीब अपनी जान गंवा ही चुकी थी। प्लेटफार्म पर जब महिला आई तब तक ट्रेन रफ्तार पकड़ चुकी थी। उसने लेट होने से बचने के लिए दौड़कर ट्रेन को पकड़ने की ​कोशिश की। लेकिन तेज रफ्तार ट्रेन को पकड़ना तो दूर रहा लेकिन महिला गिर जरूर पड़ी। ठीक उसी वक्त प्लेटफॉर्म पर खड़े एक पुलिसकर्मी ने वक्त रहते महिला को खींच लिया। अगर पुलिसकर्मी वक्त पर महिला को न खींचते तो संभवत: वह पहियों के नीचे आकर कुचल जाती।

लड़की की पहचान 28 साल की प्रिया के तौर पर हुई है। बाद में पुलिसकर्मी ने उसे समझाया कि जिंदगी ट्रेन पकड़ने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। चलती हुई ट्रेन पर चढ़ने की कोशिश करना दंडनीय अपराध है। ये निर्देश बड़े अक्षरों में रेलवे के निर्देशों में लिखा जाता है। हालांकि, रेलवे सुरक्षा बल न होने के कारण अधिकारियों ने महिला को ये आजादी मिल गई कि वह चलती हुई ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर पाए। पलक झपकते ही महिला की जान बच गई वरना इसकी कीमत उसे अपनी जान से चुकानी पड़ सकती थी।

इससे मिलता-जुलता एक वाकया फरवरी 2018 में मुंबई के लिए हुआ था। इस वाकये में एक पुलिसकर्मी ने सात साल के लड़के की जान बचाई थी। लड़का जल्दबाजी में ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच बने छोटे से गैप में फंस गया था। लड़का ट्रेन पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था जब ट्रेन रुकी हुई थी। लेकिन चढ़ते वक्त वह फिसल गया और दोनों के बीच बनी दरार में गिर पड़ा। प्लेटफॉर्म पर खड़े कांस्टेबल की निगाह उस लड़के पर पड़ी और उसने उसे ट्रैक पर गिरने से बचा लिया। जीआरपी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में ट्रेन हादसों में मौत के करीब 3,000 मामले सामने आए थे।