तमिलनाडु सरकार ने रविवार (2-05-2022) को मदुरै मेडिकल कॉलेज के डीन को पद से हटा दिया। सरकार की ओर से यह फैसला छात्रों की ओर ठीक एक दिन पहले अंग्रेजी में हिप्पोक्रेटिक शपथकी जगह संस्कृत में महर्षि चरक के नाम पर संस्कृत में शपथ लेने के बाद लिया गया है।

जानकारी के अनुसार, मेडिकल कॉलेज में शनिवार (3 0-4-2022) को शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के वित्त मंत्री पलानीवेल थियागा राजन और वाणिज्यिक कर मंत्री पी मूर्ति आए थे। जहां छात्रों ने सभी के सामने संस्कृत में शपथ ली, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और सरकार ने कॉलेज के डीन ए रथिनावेली हटाने के आदेश दे दिए। सरकार ने कहा कि फिलहाल उन्हें किसी दूसरी पोस्ट पर नहीं भेजा गया है।

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार ने इस मामले में विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं और लंबे समय से चली आ रही नीति और प्रथाओं के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी। आगे उन्होंने कहा कि “सरकार की ओर से सभी मेडिकल कॉलेजों को आदेश जारी कर दिए हैं कि राज्य में परंपरागत हिप्पोक्रेटिक शपथ का पालन किया जाए। यह सरकार किसी पुरानी परंपरा को तोड़ने की अनुमति नहीं देगी”

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी), जिसने देश में चिकित्सा शिक्षा और प्रैक्टिस नियामक के रूप में मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया की जगह ले ली है। हाल ही में देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को सलाह दी थी कि छात्रों को हिप्पोक्रेटिक शपथ की जगह ‘चरक शपथ’ दिलाई जाए। कई विपक्षी पार्टियों की राज्य सरकारों की ओर से इस फैसले को भाजपा सरकार के हिन्दुत्व के एजेंडा से जोड़कर देखा गया था।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि ‘चरक शपथ’ वैकल्पिक है और इसे मेडिकल छात्रों पर मजबूर नहीं किया जाएगा। इस संस्कृत शपथ का संशोधित संस्करण सरकार की ओर मेडिकल कॉलेजों के नए बैचों के लिए उपलब्ध कराया गया था।

इस पूरे मामले पर डीन रथिनवेल ने कहा कि छात्र समिति ने स्वंय चरक शपथ लेने का फैसला किया था, और छात्रों ने इसे एनएमसी वेबसाइट से प्राप्त किया था, जहां संस्कृत की शपथ रोमन लिपि में है। हालांकि, उनकी इस दलील को सरकार की ओर से स्वीकार नहीं किया गया।