तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री केए सेनगोटायन ने बीते दिनों शिक्षक दिवस (5 सितंबर) के मौके पर प्रदेशवासियों को एक सरप्राइज दिया। उन्होंने पारंपरिक कक्षाओं को डिजिटल क्लासरूम में तब्दील करने का ऐलान किया। हाल ही में फिनलैंड से लौटे मंत्री ने वहां के एजुकेशन सिस्टम से प्रेरित होकर यह फैसला लिया। फिनलैंड में उन्होंने स्कूल एजुकेशन मॉडल का अध्ययन किया और अब वो तमिलनाडु में भी ऐसा ही सिस्टम बनाना चाहते हैं।
ब्लैकबोर्ड की जगह लगेंगे डिजिटल बोर्डः राज्य सरकार ने छात्रों को समर्पित एक टीवी चैनल भी शुरू किया है। इससे पहले राज्य में छात्रों को फ्री लैपटॉप और कंप्यूटर भी दिए गए। हाल ही में राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि सराकरी स्कूलों के शिक्षकों को भी लैपटॉप दिये जाएंगे। डिजिटल स्टडी को कंप्लीट करने के लिए ब्लैक बोर्ड्स को डिजिटल बोर्ड्स से रिप्लेस किया जाएगा और छात्रों को अपना रिपोर्ट कार्ड भी क्यू आर कोड के रूप में मिलेगा।
मिड-डे मील स्कीम बनी थी प्रेरणास्रोतः गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब तमिलनाडु में इस तरह की पहल की जा रही है। तमिलनाडु में शिक्षा और स्वास्थ्य पर बजट आवंटन में भी खासा ध्यान दिया जाता है। 1960 में के कामराज सरकार के दौरान स्कूली बच्चों के ड्रॉप-आउट पर लगाम लगाने के लिए मिड-डे मील स्कीम शुरू की गई थी, इसके बाद यह योजना देशभर में लागू होने लगी। तमिलनाडु की कई योजनाएं आगे चलकर देशभर में लागू हुईं।
क्यूआर कोड से रिपोर्ट देख सकेंगे पैरेंट्सः बच्चों को क्यूआर कोड के रूप में मिलने वाले रिपोर्ट कार्ड को स्कैन करके उनके पैरेंट्स परीक्षाओं में अर्जित अंक, उपस्थिति और अन्य मामलों में उनकी परफॉर्मेंस का जायजा ले सकते हैं। स्कूली शिक्षा के सचिव प्रदीप यादव भी फिनलैंड यात्रा पर गए थे। उन्होंने कहा कि हमने वहां जो देखा उसके बाद बहुत कुछ बदलने की जरूरत है। राज्य के 50 चयनित स्कूली शिक्षकों की टीम की मदद से पिछले महीने कालवी नाम का एक टीवी चैनल लॉन्च किया गया था। इसमें शिक्षकों की मदद पेशेवर लोगों ने की।
Weather Forecast Today Live Latest News Updates: पढ़ें देशभर के मौसम का हाल
‘कंटेंट जुटाना सबसे बड़ी चुनौती’: यादव का कहना है कि इस चैनल के लिए कंटेंट जुटाना सबसे बड़ी चुनौती है। इस चैनल पर लेक्चर्स का प्रसारण शुरू हो चुका है। यह चैनल सरकारी नियंत्रण वाले अरासु केबल नेटवर्क पर उपलब्ध है। लेकिन अभी उन लोगों तक चैनल पहुंचाना चुनौती है जो इस केबल नेटवर्क का उपयोग नहीं करते। ये सभी लेक्चर्स यू-ट्यूब चैनल और वेबसाइट पर भी अपलोड किए जा रहे हैं। राज्य सरकार इसे दूरदर्शन पर भी प्रसारित करने के लिए केंद्र से बातचीत पर विचार कर रही है। पिछले वित्त वर्ष में राज्य के शिक्षा विभाग को 27,205 करोड़ रुपए मिले थे।