मद्रास हाई कोर्ट ने बसपा के एक उम्मीदवार की ओर से अपना नामांकन ठुकराए जाने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी और कहा कि प्रक्रिया के दौरान चुनाव से संबंधित मामलों पर विचार करने की अदालतों को संवैधानिक रूप से मनाही है।

न्यायमूर्ति केके शशिधरन और न्यायमूर्ति ए विमला की अवकाशकालीन पीठ ने शुक्रवार (6 मई) दिए अपने आदेश में संविधान के अनुच्छेद 329 के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया और कहा कि यह चुनाव से जुड़े किसी मामले पर विचार करने में अदालतों के अधिकार क्षेत्र पर रोक लगाता है।

अदालत ने जयराज की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी। वह कोयंबटूर में थोंडामुथुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार थे। कुछ खामियों के चलते उनके नामांकन पत्र को खारिज कर दिया गया था।