दिल्ली में मौजूद एक संस्थान के पूर्व चांसलर चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा में गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को उसके एक सहयोगी को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया। उस पर कथित तौर पर एक पीड़िता के पिता को धमकाने का आरोप है। इस बीच, पुलिस चैतन्यानंद को वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के परिसर में ले गई। पुलिस ने उससे उन जगहों की पहचान करने को कहा, जहां वह अक्सर जाता था। इसमें उसका ऑफिस और कमरा शामिल था। अधिकारियों ने बताया कि सबूत जुटाने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि फरार होने के दौरान चैतन्यानंद अपने सहयोगियों द्वारा अलग-अलग जगहों पर बुक कराए गए 13-15 किफायती होटलों में रुका था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “वह दावा कर रहा है कि वह अपने आईपैड का पासवर्ड भूल गया है। उसके सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एफएसएल भेज दिए गए हैं।”
अनजान नंबर से धमकी भरा कॉल आया
चैतन्यानंद के सहयोगी के बारे में पुलिस ने बताया कि एक पीड़िता ने बताया कि 14 सितंबर को उसके पिता को एक अनजान मोबाइल नंबर से धमकी भरा कॉल आया था। कॉल करने वाले की पहचान उत्तराखंड के बागेश्वर के रहने वाले हरि सिंह कोपकोटी के रूप में हुई। उसे उसके घर से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया।
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स्थानीय नगर पालिका में काम करता है कोपकोटी
पुलिस अधिकारी ने बताया, “पूछताछ के दौरान, उसने खुलासा किया कि वह स्थानीय नगर पालिका के काम से अपनी आजीविका चलाता है। उसने आगे बताया कि वह पिछले साल अपने एक परिचित के साथ दिल्ली आया था, जो आरोपी को पहले से ही जानता था। उसने यह भी बताया कि चैतन्यानंद के निर्देश पर, उसने अपने मोबाइल फोन से शिकायतकर्ता के पिता से संपर्क किया और उनसे शिकायत वापस लेने को कहा।”
पुलिस ने जब्त किया फोन
पूछताछ के बाद कोपकोटी को बीएनएस की कई धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया। पीड़िता के पिता को कथित तौर पर धमकाने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन भी कब्जे में ले लिया गया है। चैतन्यानंद की रिमांड के आधार पर, पुलिस ने कहा, “हमें पीड़ितों के बयानों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक सबूत के आधार पर उनका सामना कराना होगा। हमें अपराध सिद्ध करने वाली डिजिटल सामग्री, मोबाइल फोन और डिलीट किए गए व्हाट्सएप डेटा को बरामद करना होगा, साजिश में शामिल अन्य सहयोगियों की पहचान और गिरफ्तारी करनी होगी, सबूतों के साथ और छेड़छाड़ और पीड़ितों को प्रभावित/डराने से रोकना होगा।”
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