वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद वहां पूजा करने को अड़े हैं। अन-जल त्याग अनशन पर बैठे अविमुक्तेश्वरानंद के अनशन का आज तीसरा दिन है। जिसके बाद अब उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है। जानकारी के मुताबिक अनशन का असर उनके शरीर पर दिखाई दे रहा है।
स्वामी की जिद है कि ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को वो अभिषेक करेंगे। उसके बाद ही अन्न और जल ग्रहण करेंगे। स्वामी शनिवार ( 4 जून, 2022) की सुबह साढ़े आठ बजे से अनशन पर हैं, लेकिन अब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी है। उनका वजन भी लगातार कम हो रहा है।
वहीं स्वामी के समर्थन में दांडी समाज और अन्य संन्यासी भी उतर आए हैं। वहीं सोमवार (6 जून, 2022) शाम पांच बजे के बाद काशी के अस्सीघाट पर कुछ महिलाएं प्रदर्शन करेंगी। दूसरी तरफ ज्ञानवापी परिसर के पास हिंदू संगठन ने हनुमान चालीसा पाठ करने का ऐलान किया है। स्वामी का आरोप है कि प्रशासन का कोई अधिकारी उनसे अभी तक मिलने नहीं पहुंचा है।
ज्ञानवापी में प्राप्त शिवलिंग जैसी आकृति की पूजा करने से रोके जाने पर अन्न और जल त्याग करने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का 24 घंटे में 3 किलो वजन घट गया है। रविवार को श्री विद्या मठ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अन्य जल त्याग करने से न सिर्फ उनका 3 किलो वजन घट गया है बल्कि शुगर लेवल भी 44 से कम हो गया है।
बता दें, स्वामी जब शनिवार ( 4 जून, 2022) सुबह शिविलंग पर जल चढ़ाने के लिए निकले थे, तब उनको पुलिस-प्रशासन ने रोक दिया था। उनका कहना है कि मैं इस बात का संकल्प ले चुका हूं कि जब तक वहां पर जल न नहीं चढ़ाया जाएगा, वो अपने इस कदम से पीछे नहीं हटेंगे। उनका यह भी कहना है या फिर प्रशासन किसी पुजारी को नियुक्त करे।
कौन हैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद पहले भी कई मामलों को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। अभी कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में श्रीराम मंदिर में साईं की मूर्ति को देखकर वह भड़क गए थे। मंदिर से साईं की मूर्ति हटाए जाने के बाद उन्होंने मंदिर में प्रवेश की बात कही थी। इसके बाद साईं की प्रतिमा को हटा दिया गया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर आपको साईं की पूजा करनी है तो फिर राम और कृष्ण की क्या जरूरत।