पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की आखिरी ख्वाहिश शुक्रवार (27 सितंबर) को उनकी बेटी बांसुरी ने पूरी की। बांसुरी ने कुलभूषण जाधव मामले को अंतराष्ट्रीय कोर्ट के सामने पेश करने वाले भारतीय वकील हरीश साल्वे को उनकी 1 रूपए की फीस अदा करने के लिए बुलाया था। कुलभूषण जाधव जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद है। पूर्व विदेश मंत्री के पति स्वराज कौशल जो मिजोरम के पूर्व गर्वनर रह चुके हैं ने शुक्रवार को इस संबंध में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा,’@सुषमा स्वराज बांसुरी ने तुम्हारी आखिरी इच्छा को पूरा कर दिया है। उसने श्री हरीश साल्वे को बुलाया और कुलभूषण जाधव के केस की फीस का जो एक रूपया तुम छोड़ गई थी। वह सिक्का उसने उन्हें भेंट कर दिया है।’
पूर्व विदेश मंत्री ने आखिरी सांस लेने से पहले की ये बातः सुषमा स्वराज ने 6 अगस्त को अंतिम सांस लेने से पहले साल्वे से फोन पर बात की थी और कुलभूषण केस में चार्ज किए हुए अपने एक रूपए फीस लेने के लिए कहा था। यह बातचीत उन्हें कार्डियक अरेस्ट पड़ने से एक घंटा पहले हुई थी। वकील हरीश साल्वे ने स्वराज के निधन पर बातचीत के दौरान कहा था,’ मैंने 8 बजकर 50 मिनट पर सुषमा जी से बात की। यह एक बहुत ही भावनात्मक बातचीत थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि आओ और मुझसे मिलो। जो केस आपने जीता उसके लिए मुझे आपको आपका एक रुपया देना है। मैंने कहा कि बेशक मुझे वह कीमती फीस लेने के लिए आना है। उन्होंने कहा कि कल 6 बजे आना।’
सुनाई गई थी मौत की सजाः अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने जुलाई में फैसला सुनाया कि पाकिस्तान ने पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव के काउंसिलर अधिकार का उल्लंघन किया गया। साथ ही इस्लामाबाद फोरम की सैन्य अदालत द्वारा उन्हें दी गई मौत की सजा की समीक्षा के लिए बुलाया।
अंतर्राष्ट्रीय अदालत के फैसले को बताया महान जीतः संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख अदालत ने पाकिस्तान को 49 वर्षीय जाधव की फांसी की सजा पर रोक बरकरार रखने और उन्हें राजनयिक पहुंच देने का निर्देश दिया था। सुषमा स्वराज ने अंतर्राष्ट्रीय अदालत के फैसले को भारत के लिए एक महान जीत बताया था।