Delhi News: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने एक सर्जन पर कार्यवाही के दौरान कोर्ट रूम के फर्श पर चावल फेंकने के लिए 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया। उस दिन लगभग 11 बजे 14 साल पुराने हत्या के मामले में आरोपी एक डॉक्टर तीस हजारी कोर्ट की एडिशनल सेशन जज शेफाली बरनाला टंडन के कोर्ट में दाखिल हुआ।
कार्यवाही चल रही थी, तभी कोर्ट के कर्मचारियों को कुछ गड़बड़ नजर आई और उन्होंने कोर्ट को बताया कि आरोपी डॉ. चंदर विभास ने मंच के नीचे फर्श पर कुछ चावल फेंके थे। एएसजे टंडन ने अपने आदेश में कहा, “पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि उसके हाथ में कुछ चावल थे, जो नीचे गिर गए। हालांकि, वह यह बताने में विफल रहा कि कोर्ट में एंट्री करते समय और अदालती कार्यवाही के दौरान उसके हाथ में चावल क्यों थे।”
कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?
अदालत ने कहा, “यह अदालत के लिए बहुत ही चौंकाने वाली और आश्चर्यजनक बात है कि वर्तमान आरोपी डॉ. चंदर विभास जो पेशे से सर्जन हैं और अच्छे खासे पढ़ें लिखें है। उन्होंने इस तरह अनुचित तरीके से काम किया है और अदालती कार्यवाही में बाधा पैदा की है।” अपने आदेश में कोर्ट ने कहा, “यह अदालत आरोपी डॉ. चंदर विभास के खिलाफ धारा 267 बीएनएस, 2023 के तहत अपराध का संज्ञान लेने के लिए बाध्य है, क्योंकि अदालत की कार्यवाही लगभग 15-20 मिनट के लिए रुकी हुई थी और यह उसी अदालत द्वारा विचारणीय है, जहां अपराध किया गया है।”
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आरोपी ने कोर्ट से मांगी माफी
वकीलों ने भी कथित तौर पर आगे आने में संकोच किया क्योंकि उन्हें शक था कि यह विभास द्वारा किया गया काला जादू है। इसके बाद आरोपी ने कोर्ट के सामने घुटने टेककर माफी मांगी। जस्टिस टंडन ने कहा कि वह आखिरी आदेश देने से पहले आरोपी के वकील का इंतजार करेंगी। दोपहर में आरोपी की ओर से वकील सोनम गुप्ता कोर्ट में पेश हुईं। उन्होंने कहा कि आरोपी को अपने किए पर पछतावा है और भविष्य में ऐसा कृत्य दोबारा नहीं होगा। उन्होंने दलील दी कि डॉक्टर को किसी ने गुमराह किया था।
जस्टिस ने अपने आदेश में कहा, “आरोपी द्वारा मांगी गई माफी और उसके पश्चाताप की भावना सहित सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद, उसे अदालत उठने तक जेल की सजा सुनाई जाती है और 2,000 रुपये का जुर्माना राज्य के पास जमा कराया जाएगा।” दिल्ली-NCR के पुराने वाहन मालिकों को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत