नई दिल्ली, 8 मई। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को हाथियों के मालिकों को स्वामित्व प्रमाणपत्र जारी करने से मना किया है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्र और न्यायमूर्ति एसके सिंह की पीठ ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन लोगों के पास हाथी हैं, वे इन प्राणियों को राज्य के बाहर न भेजें। अगर कोई स्वामित्व प्रमाणपत्र जारी किया जाता है तो सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के मद्देनजर उसे वापस भी ले लिया जाएगा।

जजों ने कहा कि यह आदेश देना उचित होगा कि राज्य सरकार ऐसे लोगों को स्वामित्व प्रमाणपत्र जारी न करे जिनके पास हाथी हैं। इसके अलावा जिन लोगों के पास हाथी हैं, उन्हें इन प्राणियों को राज्य के बाहर नहीं भेजना चाहिए और न ही ये हाथी उन हाथियों में शामिल किए जाएं जिनको किसी अन्य तरीके से राज्य के बाहर भेजा जाए।

कोर्ट की यह व्यवस्था उस जनहित याचिका के साथ दिए गए दो आवेदनों पर आई जिन्हें ‘वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर’ सहित छह संगठनों ने दाखिल किया था। आवेदनों में कहा गया था कि करीब 3000 हाथियों को लोगों ने या तो अपने पास रखा है या फिर ये धार्मिक संस्थानों में हैं। हाथियों का उपयोग धार्मिक जुलूसों व सवारियों के लिए होता है।