बिहार के सुपौल जिले में एक स्कूल की 30 से ज्यादा नाबालिग लड़कियों के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का विरोध करने पर मारपीट की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने पाया, “न्यूज पेपर में जो खबर आयी है, वो अच्छी नहीं है। 34 लड़कियों के साथ सिर्फ इसलिए मारपीट की गई क्योंकि उन्होंने खुद को छेड़खानी से बचाने की कोशिश की थी। आप अपने बच्चे के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे कर सकते हैं? इस तरह की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।” इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को पीडि़ताओं के साथ-साथ अरोपी नाबालिगों के उचित मनौवैज्ञानिक पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान स्थापित करने का सुझाव दिया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए सुझाव को लागू करने के लिए कुछ समय की मांग की है। बिहारी के एडीजी (मुख्यालय) एसके. सिंघल ने सुपौल छेड़खानी कांड में महत्वपूर्ण खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि तकरीबन 30 स्कूली छात्राओं से छेड़खानी करने के मामले में कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
Supreme Court observes “All these newspaper reports are not good. Skeleton of girls found… 34 girls beaten up because they wanted to protect themselves from molestation. How could you treat children like this? These kinds of problems are arising day in and day out.”
— ANI (@ANI) October 8, 2018
बता दें कि रविवार को बिहार के सुपौल जिले में स्थापित कस्तूरबा गांधी विद्यालय में जब एक दीवार पर कथित तौर पर पड़ोस के एक स्कूल के लड़कों द्वारा लिखी गयीं कुछ अशिष्ट टिप्पणियों का विरोध किया तो कुछ लोगों ने वहां रह रही छात्राओं के साथ मारपीट की। सभी चोटिल लड़कियां जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के सुपौल में दरपखा गांव के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राएं हैं। घटना शनिवार शाम की है जब आवासीय विद्यालय की छात्राएं अपने परिसर में खेल रही थीं।
सुपौल के जिलाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने बताया कि, “दोनों स्कूल एक ही परिसर में हैं जिनकी इमारतें अलग हैं लेकिन खेल का मैदान एक ही है। लड़कों ने कथित तौर पर लड़कियों के स्कूल की दीवार पर कुछ अभद्र टिप्पणी लिख दी थीं। लड़कियों ने इसका विरोध किया और लड़कों को पीट-पीटकर भगा दिया। बाद में सभी नाबालिग लड़कों ने अपने माता-पिता को यह बात बताई जिसके बाद उनकी माताओं ने अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर स्कूल परिसर में घुसकर लड़कियों पर हमला बोल दिया। घटना के समय खेल के मैदान में 74 बालिकाएं थीं और उनमें से 30 को चोट आई।” डीएम ने बताया कि, “सभी चोटिल छात्राओं को त्रिवेणीगंज रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 20 बालिकाओं को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गयी। बाकी 10 का उपचार चल रहा है और एक या दो दिन में उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी।”
इस मामले में अब तक एक महिला सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का दावा है कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। सुपौल के पुलिस अधीक्षक मृत्युंजय चौधरी ने सोमवार (8 अक्टूबर) को बताया,”इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस इस मामले की त्वरित सुनवाई की पहल करेगी।” (एजेंसी इनपुट के साथ)
